Faridabad News : फरीदाबाद में एक इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना घटी है। अस्पताल से बच्ची का शव ले जाने के लिए पिता एंबुलेंस के लिए भटकता रहा लेकिन उसे सरकारी वाहन नहीं मिला। पिता काफी देर जिला अस्पताल के गेट पर ऑटो चालकों से मिन्नतें करता रहा लेकिन वे भी जाने के लिए तैयार नहीं हुए। आखिर में उसने अपने परिचित ऑटो वाले को बुलाकर बेटी के शव को लेकर घर गया।
क्या है पूरा मामला
24 जुलाई को करीब सुबह 3 बजे बेटी शबनम (7) की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। वह शबनम को एक बंगाली डॉक्टर के पास इलाज कराने के लिए ले गए थे। पंकज ने बताया कि बंगाली डॉक्टर ने शबनम को दवाई दी, लेकिन उस दवाई से शबनम को कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद डॉक्टर ने शबनम को खाली पेट ही इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद शाम होते-होते शबनम की हालत और खराब होती चली गई। शाम को पंकज बेटी शबनम को लेकर बीके अस्पताल के आपातकालीन वार्ड लेकर पहुंचे। आपातकालीन वार्ड में डॉक्टरों ने शबनम की जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पंकज ने कहा की उसने अस्पताल कर्मियों की लापरवाही की शिकायत डॉक्टरों से कर दी है।
फर्जी डॉक्टर के चक्कर में गई जान
पंकज ने बताया कि बच्ची को बंगाली डॉक्टर के पास ले जाना गलत कदम था। डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने से बच्ची की हालत बिगड़ गई। इस दौरान वह यदि किसी दूसरे अस्पताल ले जाता तो शायद उसकी बच्ची की जान बच सकती थी।