गाजियाबाद से बड़ी खबर : लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कहकर काटा था बवाल, फोरेंसिक जांच में रेप की भी नहीं हुई पुष्टि, जानें पूरा मामला

गाजियाबाद | 3 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

Tricity Today | File Photo



Ghaziabad News : 28 अगस्त की शाम लिंक रोड थानाक्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म की घटना रिपोर्ट हुई थी, उस घटना में फोरेंसिं‌क जांच में दुष्कर्म और मारपीट की पुष्टि न होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस का कहना है ‌कि किशोरी के शरीर पर किसी तरह की चोट का निशान न मिलने और मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि स्पष्ट न होने पर सेंपल फोरेंसिक लैब में जांच के लिएभेजे गए थे। लैब से रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, किशोरी से दुष्कर्म या मारपीट की पुष्टि नहीं हुई है।

लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म बताते हुए किया था बवाल
आरोपी गैर समुदाय का होने के कारण इस घटना के विरोध में 29 अगस्त को बृज विहार इलाके में आगजनी और तोड़फोड़ हो गई थी। प्रदर्शनकारी घटना को सामूहिक दुष्कर्म बताते हुए अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। पुलिस ने प्रर्दशनकारियों को तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी देकर समझाने का काफी प्रयास किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए थे। पुलिस को बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ना पड़ा था, मामले में पुलिस ने ढाई सौ लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था।

किशोरी से रेप के आरोप में गिरफ्तार हुआ था कबाड़ी
किशोरी को घर में अकेला पाकर पड़ोस में कबाड़ी का काम करने वाले युवक पर मारपीट और दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे सामूहिक दुष्कर्म बताते हुए अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन, आगजनी और आरोपी कबाड़ी की दुकान में तोड़फोड़ की थी।

सड़क पर जाम लगाकर बैठ गई थी भीड़
इसके बाद भी भीड़ सड़क पर जाम लगाकर बैठ गई थी। पुलिस को रात में करीब दस बजे बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ना पड़ा था। मामले में पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया युवक अभी जेल में बंद है। 30 अगस्त को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे और मामले को सामूहिक दुष्कर्म बताते हुए पुलिस पर हमलावर हुए थे।

तहरीर के आधार पर कार्रवाई की बात कही थी
एसीपी साहिबाबाद रजनीश उपाध्याय ने मामले में वीडियो बाइट जारी कर स्पष्ट किया था कि उपरोक्त घटना में तहरीर के आधार पर कार्रवाई हुई है। घटना को सामूहिक दुष्कर्म कहना गलत है। लेकिन कुछ संगठनों ने जबरदस्ती घटना को तूल दिया और कबाड़ी की दुकान में घुसकर तोड़फोड़ करने के बाद वहां मिले ई-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया था।

बड़ी साजिश किए जाने का दावा किया था
मामले में पुलिस ने जांच के बाद दिल्ली बार्डर पर बवाल करने की बड़ी साजिश किए जाने का दावा किया था। पुलिस के द्वारा पूरे बवाल की वीडियोग्राफी कराई गई थी और फिर 250 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई हुई है।

घटना को लेकर अफवाह फैलाई गई थी
मामले में डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल का कहना है कि लिंक रोड थानाक्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म की घटना बताकर किया गया बवाल बेबुनियाद था। रेप की घटना को लेकर झूठी अफवाह फैलाई गई थी। फोरेंसिक जांच में किशोरी के साथ रेप या मारपीट की पुष्टि नहीं हुई है।

मेडिकल जांच में स्पष्ट न होने पर भेजे थे सेंपल
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया किशोरी की मेडिकल जांच में स्पष्ट तौर पर रेप की पुष्टि न होने और शरीर पर किसी तरह की चोट का निशान न पाए जाने पर मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता के विभिन्न सात सेंपल जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गए थे। आरोपी के भी दो सेंपल फोरेंसिक लैब को भेजे गए थे।

फोरेंसिक रिपोर्ट में रेप या मारपीट की पुष्टि नहीं
फोरेंसिक रिपोर्ट में किशोरी से रेप या मारपीट की पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में साफ हो गया है कि किशोरी के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात हुई ही नहीं थी। वीडियो फुटेज के आधार पुलिस बवाल करने वाले लोगों की पहचान कर रही है, बवाल को हवा देने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।

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