गाजियाबाद पुलिस का गुडवर्क : दो अंतर्राज्यीय तस्कर दबोचे, 55 लाख की अफीम पकड़ी, दिल्ली- एनसीआर होनी थी सप्लाई

Tricity Today | पुलिस हिरासत में अफीम तस्कर संजय भूईया और रामचंद्र भूईया।



Ghaziabad News : गाजियाबाद कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और मुरादनगर थाना पुलिस ने दो अंतर्राज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अभियुक्तों के कब्जे से 2.1 किग्रा अफीम बरामद करने का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि बरामद अफीम की कीमत करीब 55 लाख रुपये है। यह झारखंड से तस्करी कर लाई गई थी और दिल्ली- एनसीआर में सप्लाई की जानी थी। एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि गाजियाबाद पुलिस दोनों शतिरों को इसी साल मार्च में गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद दोनों फिर तस्करी करने लगे।

हरियाणा और राजस्थान तक करते थे सप्लाई
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना और मुरादनगर थाना पुलिस के सहयोग से मुरादनगर में बंबा रोड स्थित प्रीत विहार से दो शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्करों ने पुलिस को अपने नाम संजय भूईया और रामचंद्र भूईया बताए हैं। दोनों को झारखंड के चतरा राज्य के रहने वाले हैं और कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए नेपाल बार्डर से अफीम लाकर दिल्ली- एनसीआर के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में सप्लाई करते हैं।

पढ़ा लिखा नहीं है संजय भूईया
पूछताछ के दौरान संजय भूईया ने बताया कि वह बिल्कुल भी पढ़ा लिखा नहीं है। वह पहले चतरा में होटल पर खाना बनाने का काम करता था, जहां उसका संपर्क अफीम तस्कर प्रकाश से हुआ। प्रकाश भी चतरा जिले का ही रहने वाला है। उसने अधिक पैसे कमाने का लालच देकर संजय भूईयो को अपने साथ अपने साथ लगा लिया। प्रकाश संजय को माल सप्लाई करने के ल‌िए भेजता था लेकिन कुछ दिन बाद ही संजय ने उसके साथ काम करना छोड़कर खुद तस्करी करने लगा।

रामचंद्र भूईया है दसवीं पास
पुलिस के हत्थे चढ़ा दूसरा तस्कर रामचंद्र भूईया दसवीं पास है। शटरिंग काम छोड़कर उसने भी शुरूआत में प्रकाश तस्कर के लिए काम करना शुरू किया था। प्रकाश उसे हर चक्कर पर एक मुश्त राशि का भुगतान करता था। एक साल पहले रामचंद्र भी संजय के साथ हिस्सेदारी पर काम करने लगा। जो भी कमाई होती, उसमें दोनों का बराबर हिस्सा रहता था। मार्च0 2024  में दोनों को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन जमानत पर छूटने के बाद दोनों फिर वही काम शुरू कर दिया।

एडवांस आर्डर पर करते थे सप्लाई
एडीसीपी के मुताबिक संजय और रामचंद्र ने बताया कि वह पहले अफीम का ऑर्डर लेते हैं और उसके बाद निर्धारित समय और स्थान पर सप्लाई करते हैं। पकड़े जाने से बचने के मोबाइल का प्रयोग बहुत कम करते हैं, सप्लाई के दौरान तो मोबाइल का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते। झारखंड से दिल्ली आने के लिए ट्रेन के अलावा बस और ट्रक का सहारा भी लेते हैं। अभियुक्तों ने बताया कि पकड़ी गई अफीम गाजियबाद में सप्लाई करनी थी। पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर अफीम मंगाने वालों को दबोचने का प्रयास कर रही है।

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