Greater Noida News : डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के बाद देश के कई हिस्सों में आक्रोश फैल गया है। बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अशांति और सांप्रदायिक तनाव का कारण बताया है। मायावती ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन केवल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रहा है, जबकि नफरत भरे बयान देने वाले महंत के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
पुलिस की कार्रवाई पर मायावती ने जताई नाराजगी
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यति नरसिंहानंद के बयान की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से न केवल स्थानीय क्षेत्रों में बल्कि पूरे देश में अशांति का माहौल बन गया है। बसपा सुप्रीमो ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन इस प्रकार की नफरती बयानबाजी करने वालों के खिलाफ चुप्पी साधे हुए है।
धर्मनिरपेक्षता और संविधान की दिलाई याद
अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 25 से 28 के तहत हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के खिलाफ नफरत भरी बयानबाजी न केवल असंवैधानिक है, बल्कि इससे देश में शांति और सद्भावना को खतरा हो सकता है। मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की कि ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
नफरत भरे बयान से उपजे विवाद और विरोध प्रदर्शन
इस बयान के बाद कई मुस्लिम संगठनों और धर्मनिरपेक्ष समूहों ने महंत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए, जिससे कानून-व्यवस्था पर असर पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई तो की है, लेकिन महंत के खिलाफ अभी तक कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया, जिससे लोगों में असंतोष फैल गया है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की नफरती बयानबाजी पर सख्त कदम उठाना सरकार की जिम्मेदारी है, जिससे देश में शांति और सौहार्द बना रहे।