एनसीआरटीसी का नया प्रयोग : आरआरटीएस ट्रैक पर भी दौड़ेगी मेरठ मेट्रो, क्रांति की धरती से लिखी जाएगी ट्रांसपोर्ट इंटीग्रेशन की नई कहानी

गाजियाबाद | 2 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

Tricity Today | Meerut Metro



Ghaziabad News : खास बात यह है कि मेरठ मेट्रो, मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित होगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए यह बड़ी बात है कि यह एकीकरण (Transport Integration) मेरठ की धरती पर शुरू होगा। इस एकीकरण से निर्बाध सार्वजनिक परिवहन माध्यम प्रदान करने कि दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे बुनियादी ढांचे जैसे ओएचई, वायडक्ट, ट्रैक, सिग्नलिंग आदि के निर्माण लागत के मामले में बड़ी बचत हुई है।

दिल्ली और मेरठ के बीच नहीं कर पाएंगे फर्क
जून 2025 तक दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा करने की तैयारी है। यानि दिल्ली और मेरठ के बीच कोई अंतर नहीं रह जाएगा, कब दिल्ली मेट्रो से यात्रा शुरू कर मेरठ मेट्रो से बेगम पुल पर शॉपिंग करके लौट आएंगे पता भी नहीं चलेगा। यह सब एकदम शानदार और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के जरिए संभव हो सकेगा। निश्चिततौर पर इस परिवहन व्यवस्था से सड़कों पर बोझ कम होगा और हमें सांस लेने के लिए अच्छी हवा मिल सकेगी।

चार स्टेशनों पर मिलेंगी नमो भारत ट्रेन की सेवाएं
मेरठ में चार ऐसे स्टेशन होंगे जहां मेट्रो और नमो भारत ट्रेन, दोनों की सेवाएं उपलब्ध होंगी। इन स्टेशनों पर यात्री बड़ी आसानी से नमो भारत ट्रेन से मेट्रो और मेट्रो से नमों भारत ट्रेन में जा सकेंगे। मेरठ में यह चार स्टेशन, मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम होंगे। मेरठ साउथ तक नमो भारत का परिचालन शुरू हो चुका है, यात्रियों को मेरठ साउथ स्टेशन पर ही मेट्रो सेवाएं भी मिलेंगी।

ये होगी मेरठ के स्टेशनों की स्थिति
मेरठ साउथ (एलिवेटेड), परतापुर (एलिवेटेड), रिठानी (एलिवेटेड), शताब्दी नगर (एलिवेटेड), ब्रह्मपुरी (एलिवेटेड), मेरठ सेंट्रल (भूमिगत), भैसाली (भूमिगत), बेगमपुल (भूमिगत), एमईएस कॉलोनी (एलिवेटेड), दौरली  (एलिवेटेड), मेरठ नॉर्थ (एलिवेटेड), मोदीपुरम (एलिवेटेड) और मोदीपुरम डिपो (धरातल)।

23 किमी लंबा होगा मेट्रो कॉरिडोर
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर उक्त 13 स्टेशनों के साथ 23 किमी लंबा है, जिसमें 18 किमी एलिवेटेड और 5 किमी भूमिगत खंड शामिल हैं। यहां नौ स्टेशन एलिवेटेड, तीन भूमिगत और एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) धरातल (ग्रेड) पर होगा। आधुनिक मेरठ मेट्रो, मेरठ के एक छोर से दूसरे छोर तक की दूरी लगभग 30 मिनट में तय करेगी।

आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो तय समय में
इस अवसर पर बोलते हुए शलभ गोयल ने कहा, "आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो परियोजना तीव्र गति से आगे बढ़ रही है और हमें विश्वास है कि हम इस परियोजना को निर्धारित समय के अनुसार लोगों तक पहुंचाएंगे। हम इस परियोजना के लिए निरंतर सहयोग के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के आभारी हैं।"

सभी स्टेशन लेने लगे हैं आकार
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है और सभी स्टेशनों ने आकार लेना शुरू कर दिया है। भूमिगत सुरंग का निर्माण पूर्ण हो गया है और सभी भूमिगत स्टेशनों पर फिनिशिंग का काम किया जा रहा है। पहले से तैयार सुरंगों और वायडक्ट्स पर ट्रैक बिछाने की गतिविधियाँ वर्तमान में प्रगति पर हैं। 18 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सेक्शन में से मेरठ साउथ से मोदीपुरम स्टेशन तक वायडक्ट का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।

2023 में पीएम ने शुरू किया था परिचालन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर, 2023 को साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड में भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन किया और पहली नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जिसके बाद यह सेक्शन जनता के लिए संचालित हो गया। वर्तमान में साहिबाबाद और मेरठ साउथ के बीच लगभग 42 किलोमीटर लंबा खंड यात्रियों के लिए संचालित हो चुका है, जिसमें 9 आरआरटीएस स्टेशन हैं। मेरठ मेट्रो के साथ-साथ पूरा आरआरटीएस कॉरिडोर 2025 तक परिचालित होने की उम्मीद है।

अन्य खबरें