गाजियाबाद में जीआईएस सर्वे : डीएम नए सर्किल रेट से संपत्ति कर लगाने की तैयारी में, डेढ़ लाख दायरे में, चार गुना तक बढ़ जाएंगे रेट

गाजियाबाद | 3 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

Tricity Today | ghaziabad nagar nigam



Ghaziabads News : गाजियाबाद में संपत्तियों के जीआईएस (ज्योग्राफिक इर्न्फोमेशन सि‌स्टम) सर्वे का कार्य पूरा हो गया। इस सर्वे के मुताबिक गाजियाबाद में करीब डेढ़ लाख संपत्तियां ऐसी पहचानी गई हैं जिन पर अब तक संपत्ति कर नहीं लगा है। नगर निगम इन सभी संपत्तियों पर डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति लगाने की तैयारी कर रहा है, जो मौजूदा संपत्ति कर से करीब चार गुना होगा। यानि संपत्ति कर के दायरे में आने वाली नई संपत्तियों से पुरानी संपत्तियों के मुकाबले ज्यादा कर वसूला जाएगा। शासनादेश पर तीन वर्ष जीआईएस सर्वे शुरू हुआ था। 

सर्वे का सत्यापन खुद करेगा नगर निगम
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा. संजीव सिन्हा का कहना है कि नगर निगम सर्वे करने वाली संपत्ति से फाइनल डेटा प्राप्त कर उसका भौतिक सत्यापन कराएगा। इसके बाद संपत्ति कर के बिल जारी होंगे। जल्द ही नए डीएम सर्किल रेट आने वाले हैं, उन्हीं के आधार पर नई संपत्तियों से संपत्ति कर वसूला जाएगा, लेकिन इससे पहले नगर निगम अपने स्तर से तसल्ली कर लेना चाहता है कि सर्वे से मिला डेटा पूरी तरह सही है, या फिर ऐसी कोई संपत्ति तो नहीं बची है तो अभी भी छूट रही हो। ऐसी भी किसी संपत्ति पर नए सिरे से कर निर्धारण न हो जाए जो पहले से ही कर के दायरे में है। 

राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉ‌सिंग रिपब्लिक में ज्यादातर संपत्ति
सर्वे के मुताबिक नई विकसित हुईं टाउनशिप जैसे क्रॉसिंग रिपब्लिक और राजनगर एक्सटेंशन में ऐसी संपत्तियों की संख्या काफी है जो अभी संपत्ति कर के दायरे में नहीं आतीं। इन दोनों टाउनशिप की 75 सोसायटीज के साढ़े छह हजार से फ्लैट जो अभी संपत्ति कर के दायरे से बाहर हैं, उन पर डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगाने की तैयारी है। इसके अलावा सिटी जोन में भी ऐसे फ्लैटों की संख्या काफी है जो अभी संपत्ति कर के दायरे में आने हैं, यानि इन सब पर डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगेगा।

डीएम सर्किल रेट पर संपत्ति कर को लेकर विवाद
हालांकि डीएम सर्किल रेट पर संपत्ति कर लगाने जाने का मामला काफी विवादित है। इस संबंध में पिछले दिनों भाजपा के पांच बार के पार्षद रहे राजेंद्र त्यागी और हिमांशु मित्तल मुख्यमंत्री समेत तमाम अधिकारियों को पत्र भेजकर नगर निगम के इस फैसले का अव्यवहारिक बता चुके हैं। शासन के जिस आदेश को आधार बनाकर नगर निगम डीएम सर्किल रेट पर टैक्स वसूली की बात कर रहा है, उसकी कॉपी भी शिकायती पत्र के साथ भेजी गई है, श्री त्यागी का कहना है कि 27 अक्टूबर, 2023 नगर विकास विभाग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि संपत्ति कर का निर्धारण नगर निगम अधिनियम में प्रदत्त अधिकारों के दृष्टिगत स्वस्तर पर न्यूनतम किराया दर (संपत्ति कर) निर्धारित करें। 

एक साथ दो रेट नहीं हो सकते ः राजेंद्र त्यागी
जीडीए बोर्ड मेंबर और पांच बार पार्षद रहे राजेंद्र त्यागी का कहना है कि एक नगर निगम क्षेत्र में संपत्ति कर के दो रेट नहीं हो सकते, यह विधि सम्मत नहीं है। मुख्यमंत्री को पत्र भेजने के बाद भी यदि नगर निगम की मनमानी नहीं रूकेगी तो हमें कोर्ट जाना पड़ेगा। इस संबंध में मेयर को भी सोचना होगा। उन्हें भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी गई है। डीएम सर्किल रेट पर टैक्स वसूली के खिलाफ आरडब्ल्यूए और औद्योगिक क्षेत्रों की एसोसिएशन भी लामबंद हो रही हैं। सरकार को आम आदमी का हित भी सोचना होगा।

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