Ghaziabad News : टीला मोड़ थानाक्षेत्र में एक बड़ी ही दर्दनाक हादसा हुआ। बर्तन बनाने के लिए बुग्गी में जंगल से मिट्टी लेकर लौट रहे पिता -पुत्र की नील गायों के झुंड ने जान ले ली। बात निस्तौली गांव की है। यहां ताराचंद प्रजापति पर अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके छह बेटे हैं। तीसरे नंबर के दिनेश, पत्नी और दो बच्चों के साथ गांव में ही रहकर नौकरी करते हैं, जबकि दूसरे नंबर के सुरेश अभी भी मिट्टी के बर्तन बनाने के अपने पुश्तैनी काम से ही गुजर बसर करते हैं।
बेटे को साथ लेकर बड़े भाई के लिए मिट्टी लेने गया था दिनेश
दिनेश बुधवार तड़के करीब चार बजे उठकर जंगल से मिट्टी लेने गए थे ताकि उनके भाई सुरेश बर्तन बना सकें। वे अपने साथ 18 वर्षीय बेटे प्रियांशु को भी ले गए। प्रियांशु 12वीं में पढ़ता था। दोनों बुग्गी में मिट्टी लेकर घर की ओर लौट रहे थे तभी अचानक झाड़ियों से निकलकर नील गायों का एक झुंड तेज गति से आया और बुग्गी से टकरा गया। जोरदार टक्कर लगने पर पहले तो प्रियांशु बुग्गी से नीचे जा गिरा और एक पहिया उसकी गर्दन के ऊपर से उतर गया, इस घटना के बाद बुग्गी खींच रहा खच्चर बिदक गया और बुग्गी को खाई पर ले चढ़ा। बुग्गी अनियंत्रित हो गई पलट गई। दिनेश बुग्गी के नीचे आ गए।
जंगल में कोई होता तो बच जाती दिनेश की जान
जंगल में उस समय दूर- दूर कर कोई न था, इसलिए कहीं से मदद मिलने का भी सवाल नहीं उठता। दोनों ने वहीं तड़फ- तड़फकर दम तोड़ दिया। दिन चढ़ने के बाद ग्रामीण ऊधर पहुंचे तो हादसे का पता चला। सूचना पाकर पुलिस भी गांव में पहुंची लेकिन ताराचंद के परिजनों कार्रवाई न करने की बात कहते हुए पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है। गांव के हर व्यक्ति की आंखे हादसे को सुनकर नम थीं। किसी को भी यकीन नहीं आ रहा था कि नील गायों का झुंड इस प्रकार पिता-पुत्र की मौत का कारण बन गया।
गांव के ही शमशान घाट पर किया अंतिम संस्कार
गांव के पूर्व प्रधान कृष्णपाल सिंह ने बताया कि पंचनामा की कार्रवाई होने के बाद परिजनों ने गांव के ही शमशान घाट पर पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार कर दिया। हादसे से पूरा गांव गमगीन है और शायद ही गांव का ऐसा कोई शख्स होगा जो अंतिम संस्कार पर न पहुंचा हो। पिता- पुत्र की मौत से पूरा गांव सदमे में है।