गौतमबुद्ध नगर विकास समिति का मुद्दा :  सड़कों पर आवारा जानवर बन रहे दुर्घटनाओं का कारण, एसीईओ को बताया समाधान 

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Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने व्यस्त सड़कों पर आवारा और बेघर पशुओं के कारण होने वाली गंभीर दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। यह समस्या न केवल वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए खतरा पैदा कर रही है, बल्कि पशुओं के लिए भी गंभीर चोट का कारण बन रही है। गौतमबुद्ध नगर विकास समिति ने इस मुद्दे को उठाते हुए ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के सीईओ, रवि कुमार को एक पत्र सौंपा है। पत्र में समिति ने कुछ ठोस उपायों का प्रस्ताव रखा है:

1. पशुओं की टैगिंग : प्रत्येक गाय को मालिक के नाम और संपर्क जानकारी के साथ टैग किया जाए।
2. लापरवाह मालिकों पर जुर्माना : जो मालिक अपने पशुओं का सही प्रबंधन नहीं करते, उन पर जुर्माना लगाया जाए।
3. गौशाला की स्थापना : आवारा और बेघर पशुओं के लिए एक समर्पित गौशाला का निर्माण किया जाए।

क्या बोले एसीईओ
एसीईओ सुनील कुमार सिंह ने इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, "हम जल्द ही इन पशुओं को गौशाला में भेजेंगे। हालांकि, हमारी मौजूदा गौशाला की क्षमता पूरी भर चुकी है, इसलिए हम एक नई गौशाला के निर्माण की योजना बना रहे हैं।"
अथॉरिटी ने बताया कि उनकी वर्तमान गौशाला में लगभग 2,500 पशुओं की क्षमता है। नई गौशाला के लिए जगह की तलाश जारी है। साथ ही, पशुओं की टैगिंग के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित किया गया है।

बैठक में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:
- नालों और जल निकासी की सफाई
- वर्षा जल संचयन का संचालन
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की कार्यक्षमता
- टेक्ज़ोन 4 में स्पीड ब्रेकर की स्थापना
- सुनसान और अंधेरे वाले स्थानों पर बिजली की व्यवस्था

यह लोग रहे मौजूद 
बैठक में गौतम बुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय, सचिव अनूप कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हिमांशु राजपूत, नमित रंजन, सौरभ सिंह और देवराज तिवारी उपस्थित रहे। यह पहल ग्रेटर नोएडा में सड़क सुरक्षा और पशु कल्याण को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अथॉरिटी द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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