प्रदूषण की भेंट चढ़ा सूरजपुर वेटलैंड : 1000 पेड़ों की मौत, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण यामाहा समेत इन कंपनियों पर कर सकता हैं कार्रवाई 

Tricity Today | निरीक्षण करने पहुंचे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर वेटलैंड में सीवेज ड्रेन के ओवरफ्लो के कारण 1000 से अधिक पेड़ों की मौत हो गई है। इस गंभीर मामले की जांच के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समस्या केवल सीवेज ओवरफ्लो तक ही सीमित नहीं है। यामाहा सहित कई अन्य फैक्ट्रियों, आसपास के गांवों और सूरजपुर कस्बे से निकलने वाला उपचारित और अनुपचारित अपशिष्ट भी इस समस्या को बढ़ा रहा है। वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) की ओर से पर्याप्त कार्रवाई न होने के कारण, स्थानीय एनवीरोंमेंटलिस्ट के आग्रह पर ग्रेटर नोएडा के सीईओ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

1000 से अधिक नए पेड़ लगाए जाएंगे 
सीईओ ने आईएएस अधिकारी लक्ष्मी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य है जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ कार्रवाई करना, समस्या का स्थायी समाधान निकालना और वेटलैंड में 1000 से अधिक नए पेड़ लगाना। पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि वे लगभग एक साल से इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं और उम्मीद जताई कि अब जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा।

औद्योगिक कचरे के कारण नष्ट हुए पेड़ 
समिति के पहले दौरे के दौरान, एसीईओ स्वयं वेटलैंड का निरीक्षण करने गईं और संबंधित विभागों और अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक इंदु प्रकाश ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने कई मृत पेड़ देखे जो औद्योगिक कचरे के कारण नष्ट हो गए थे। उन्होंने वेटलैंड से गुजरने वाले नाले के उचित चैनलाइजेशन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर होगी कार्रवाई 
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वे आस-पास की फैक्ट्रियों का निरीक्षण करें और यदि उनके अपशिष्ट वेटलैंड को प्रदूषित करते पाए जाते हैं तो उचित कार्रवाई करें। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत, सभी औद्योगिक इकाइयों को अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) स्थापित करना अनिवार्य है।

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