Tricity Today | धीरेंद्र सिंह ने हरी झंडी दिखाकर एंबुलेंस को रवाना किया
Greater Noida/Jewar : यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 2 ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे। इसकी मांग जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने की थी। अब शनिवार को धीरेंद्र सिंह ने हरी झंडी दिखाकर एंबुलेंस को रवाना किया है। यह एंबुलेंस उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी, जो सड़क हादसे में घायल हो जाते हैं। सड़क हादसे में घायल मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ स्थापित कर रहे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
धीरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक पूरे प्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। जल्द ही यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे दोनों तरह ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे। जिससे जेवर क्षेत्र और आसपास के इलाकों में होने वाले सड़क हादसों में घायल लोगों को तत्काल जिला अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर किया जाएगा।
यह लोग मौजूद रहे
इस मौके पर जिला कॉर्डिनेटर स्वास्थ्य सेवा दीपक सिंह, भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान उपाध्यक्ष सुशील शर्मा, नीरज गोयल, मोनू गर्ग, मनोज भाटी, रिंकू भाटी, रबूपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट श्रीप्रकाश, एआरओ दीपक शर्मा, लैब टैक्नीशियन राजेन्द्र सिंह और अतीक कुरैशी आदि मौजूद रहे।
एक्सप्रेसवे के किराने बनेंगे 2 ट्रामा सेंटर
आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले दोनों ट्रामा सेंटर में से एक प्राइवेट और दूसरा सरकारी होगा। एक्सप्रेसवे के किनारे दोनों ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे। जिससे हादसे होने के बाद जल्द से जल्द पीड़ित व्यक्ति को यहां पर लाया जा सके और उसको अच्छा इलाज मिल सके। इसको लेकर तैयारी पूरी हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई में इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद एक साल के भीतर यानी कि जुलाई 2 हो जाए जुलाई 2023 तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
ट्रामा सेंटर से मौत के आंकड़े होंगे कम
जब यमुना एक्सप्रेसवे पर हाथों की संख्या अधिक बढ़ गई तो सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के आदि सुपर प्राधिकरण में आईआईटी दिल्ली से एक्सप्रेसवे पर एक ऑडिट करवाया था। जिसके बाद एक्सप्रेसवे पर क्रैश बीम बैरियर, रंबल स्ट्रिप, लोगों की जागरूकता के लिए साइन बोर्ड और कैमरों की संख्या बढ़ा दी थी। हालांकि, उसके बावजूद भी लगातार सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसमें काफी परिवार उजड़ भी चुके हैं।