ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामला Update: दूसरे दौर की वार्ता शुरू हुई, किसानों ने रखी सिर्फ एक ही मांग

Tricity Today | दूसरे दौर की वार्ता करते किसान और अधिकारी



ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से जुड़े लीजबैक मामले को लेकर किसानों और अफसरों के बीच दूसरे दौर की वार्ता शुरू हो गई है। करीब 15 मिनट पहले किसानों का प्रतिनिधिमंडल विकास प्राधिकरण के बोर्ड रूम में पहुंचा है। वहां मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण, पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह और जिलाधिकारी सुहास एलवाई के साथ बातचीत चल रही है।

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 51 किसानों का प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए टेबल पर बैठा हुआ है। किसानों ने रात हुई बातचीत को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर साफ कहा है कि उनकी केवल एक ही मांग है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की सिफारिशों और रिपोर्ट को खारिज कर दिया जाए। इसके अलावा उनकी कोई मांग नहीं है। दूसरी और अफसरों ने एक बार फिर किसानों से कहा है कि धरना समाप्त कर दें।

एसआईटी की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए बुधवार को होने वाली बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। साथ ही गुरुवार को एसआईटी की बैठक भी होगी। उसमें भी सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी। इस पर किसानों का तर्क है कि अगर बुधवार को बोर्ड बैठक और गुरुवार को एसआईटी की बैठक में यह मुद्दा रखा जाना है तो धरना खत्म करने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। गुरुवार को इस मसले का हल निकल जाएगा। उसके बाद किसान अपना धरना समाप्त कर देंगे। 

किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी का कहना है कि तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे, जब तक एसआईटी की रिपोर्ट खारिज नहीं कर दी जाएगी। दूसरी ओर बीती रात करीब डेढ़ घंटा चली वार्ता के बारे में विकास प्राधिकरण की ओर से शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। जिसमें किसानों की मांग का पूरा ब्यौरा दिया गया है। ऐसे में विकास प्राधिकरण राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले निर्देश पर आगे बढ़ेगा। आपको बता दें कि लीजबैक मामलों में एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ सोमवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे थे। किसान धरना देकर बैठे हुए हैं। दूसरी ओर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन इस धरने को खत्म करवाना चाहते हैं।

क्या है पूरा मामला

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बिसरख गांव में बहुजन समाज पार्टी और फिर समाजवादी पार्टी की सरकारों के कार्यकाल में लीजबैक घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार से शिकायत की गई थी। इस मामले पर सरकार ने एक विशेष जांच दल एसआईटी का गठन यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह की अध्यक्षता में किया था। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि लीजबैक के नाम पर व्यापक रूप से अनियमितताएं और धांधली की गई है। बड़ी बात यह है कि जिन बाहरी लोगों का हवाला देते हुए यह शिकायत की गई थी, उन्हें एसआईटी ने क्लीन चिट दे दी है। एसआईटी ने पाया है कि जिन किसानों ने आबादी छुड़वा ली है, उन्हें गलत ढंग से 6% के रेजिडेंशियल प्लॉट दिए गए हैं। एसआईटी ने सिफारिश की है कि आबादी छुड़वाने वाले किसानों को 6% भूखंड और भविष्य में प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। यही इस जांच रिपोर्ट की सबसे बड़ी सिफारिश है।

2:05 PM - मंगलवार
थोड़ी देर में शुरू होगी दूसरे दौर की वार्ता, 51 किसान बस यह एक मांग रखेंगे

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्यालय पर लीजबैक मामलों को लेकर धरना दे रहे किसानों से थोड़ी देर में दूसरे दौर की वार्ता शुरू होने वाली है। इस वार्ता में किसान सेवा संघर्ष समिति के पदाधिकारी और 51 किसान शामिल होंगे। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण, गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह और जिलाधिकारी सुहास एलवाई रहेंगे। किसान केवल एक मांग अफसरों के सामने रखेंगे। लीजबैक को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट को रद्द किया जाए। किसानों का साफ कहना है कि जब तक यह रिपोर्ट वापस नहीं ली जाएगी, तब तक किसान भी विकास प्राधिकरण के बाहर से वापस नहीं जाएंगे।

8:15 AM - मंगलवार 
किसानों और अफसरों की पहले दौर की वार्ता विफल, फिर बातचीत होगी


ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से जुड़े बैकलीज मामले को लेकर धरने पर बैठे किसानों और अधिकारियों के बीच चल रही पहले दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। करीब डेढ़ घंटा चली वार्ता में किसानों ने दो टूक एक मांग रखी। किसानों का कहना है कि जब तक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट और सिफारिशों को रद्द नहीं किया जाएगा, धरना समाप्त नहीं करेंगे। दूसरी ओर जानकारी मिली है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने किसानों को आश्वासन दिया कि यह मामला बुधवार को होने वाली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बोर्ड इस मसले पर फैसला लेगा। उन्होंने किसानों से धरना खत्म करने की अपील की, लेकिन किसानों ने आश्वासन के आधार पर धरना खत्म करने से इंकार कर दिया है। अब मंगलवार की सुबह एक बार फिर किसानों का प्रतिनिधिमंडल और अफसर मिलेंगे।
 

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