बड़ी खबर : गौतमबुद्ध नगर में 1 लाख से अधिक वाहनों पर होंगी कार्रवाई, देखते ही जब्त करने का निर्देश, जानिए क्यों?

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Noida : गौतमबुद्ध नगर में वाहन रखने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। अब 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को जब्त करने की कार्रवाई 1 फरवरी से शुरू हो जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने छह टीमें बनाई हैं। इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से छह टीमों का गठन किया गया है। आपको बता दें, 1 अक्टूबर 2022 से जिले में पेट्रोल कि 15 साल और डीजल के 10 साल पुरानी गाड़ियों का पंजीकरण निरस्त करने के बाद अब परिवहन विभाग यह कार्रवाई शुरू कर रहा है।

बड़े स्तर पर शुरू करवाया जाएगा अभियान
गौतमबुद्ध नगर में यूपी 16 से यूपी 16 जेड से शुरू होने वाले नंबर इन 15 साल पुराने वाहनों की श्रेणी में आते हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी स्क्रैपीज पॉलिसी में लोगों के दिलचस्पी न दिखाने के बाद परिवहन विभाग ने ये सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। आने वाले 1 फरवरी से 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को जब्त कर स्क्रैप किया जाएगा। जब्त किए जाने वाले वाहनों में निजी के साथ ही सरकारी भी हैं। यह अभियान नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़े स्तर पर शुरू करवाया जाएगा। इससे पहले एनजीटी के आदेश पर परिवहन विभाग ने बड़ी संख्या में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया था।

1,19,612 गाड़ियों का रजिस्‍ट्रेशन कैंसल
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 15 साल पुरानी सभी गाड़ियों के मालिकों को नोटिस दो महीने पहले ही भेजा जा चुका है। ऐसे वाहन मालिकों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत छूट या फिर परिवहन विभाग से एनओसी लेकर दूसरे राज्यों में जाने की छूट है। ऐसे वाहन स्वामी की तरफ से स्क्रैप पॉलिसी और एनओसी को लेकर अपेक्षा के अनुरूप दिलचस्पी ना दिखाए जाने के कारण ही विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद गौतमबुद्ध नगर में परिवहन विभाग ने 15 साल पुरानी 1,19,612 गाड़ियों का रजिस्‍ट्रेशन कैंसल किया है। इन गाड़ियों पर कार्रवाई की जाएगी।

व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को लाया गया है। इस पॉलिसी को सरकार द्वारा साल 2021 में लाया गया था। जिसका उद्देश्य 20 साल पुराने प्राइवेट गाड़ियों और 15 साल पुरानी कॉमर्शियल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का है। कुल मिलाकर इस पॉलिसी के तहत प्राइवेट कारें सड़क पर सिर्फ 20 साल तक चल सकती हैं और कॉमर्शियल कारें केवल 15 साल तक चल सकेंगी।

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