ग्रेटर नोएडा : तुस्याना भूमि घोटाले में पैरवी करने वालों को मिल रही धमकी, पीड़ितों ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

Tricity | तुस्याना भूमि घोटाले



Greater Noida : तुस्याना भूमि घोटाले में अब मामले के खुलासे करवाने वाली सच सेवा समिति के सदस्यों को धमकी मिल रही है। इस मामले में ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक-3 कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित का कहना है कि इस मामले में पैरवी करने से मना किया गया है। बदमाशों का कहना है कि अगर उन्होंने तुस्याना भूमि घोटाले में पैरवी की तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है।

15 दिसंबर की घटना
सेवा समिति के सदस्य डॉ.हरीश पायल का कहना है कि वह बीते 15 दिसंबर को इस केस के सिलसिले में सूरजपुर गए थे। वहां पर रास्ते में उनको दो लोगों ने रोक लिया और उनकी कार रुकवा ली। बाइक सवार बदमाशों ने कहा कि अगर तुस्याना भूमि घोटाले में पैरवी करोगे तो दिक्कत आ जाएगी। बताया जा रहा है कि बाइक सवार बदमाशों ने उनको जान से मारने की धमकी दी है। ऐसे में पीड़ित काफी परेशान हैं। आपको बता दें कि तुस्याना भूमि घोटाले में मुख्य आरोपी राजेंद्र प्रधान को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। ऐसे में सच सेवा समिति के सदस्य काफी परेशान हैं।

कैसे हुआ करोड़ों का घोटाला
दादरी तहसील के अधिकारियों ने इस जमीन का अमल दरामद किया है। फर्जी तरीके से लोगों के नाम खसरा-खतौनी में दर्ज किए है। राजेंद्र सिंह मकोड़ा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व जीएम रविंद्र तोंगड समेत इस पूरे सिडिकेट ने तुस्याना गांव के खसरा संख्या 987, 1104, 1105, 1106 और रकबा 175 बीघा सरकारी ग्राम समाज की जमीन का मुआवजा उठाया। खसरा नंबर 987 में रकबा 16 बीघा से अधिक जमीन पुख्ता बंजर दर्ज थी।

उठाया मोटा मुआवजा
राजेंद्र सिंह ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी से श्वेता पत्नी पत्नी मनोज पुत्र राजेन्द्र, मधु सिंह पुत्री जीएस कंबोज पत्नी दीपक पुत्र राजेंद्र सिंह ने न्यायालय को धौखा देकर 30 दिसंबर सन 1998 को मुआवजा उठा लिया। इसके बाद अथॉरिटी से जमीन का 6 प्रतिशत आबादी का प्लॉट तुस्याना से उठाकर नॉलेज पार्क-1 में मैन कासना-सूरजपुर रोड पर लगवा दिया। जिस जमीन पर प्लॉट लगाया, वह जमीन पहले से नर्सरी के लिए अलॉट थी।

अन्य खबरें