कुणाल शर्मा हत्याकांड : नोएडा के 87.5% लोगों ने माना पुलिस क्राइम कंट्रोल करने में नाकाम, गम और गुस्से में निवासी

Tricity Today | कुणाल शर्मा हत्याकांड



Noida News : गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में होटल कारोबारी कृष्ण कुमार शर्मा के बेटे कुणाल शर्मा का एक मई को अपहरण किया गया था। पांच मई की सुबह बुलंदशहर में कुणाल शर्मा की लाश गंग नहर में पड़ी मिली थी। पुलिस वालों ने घोर लापरवाही बरती। इतना ही नहीं, बीटा-टू थाना पुलिस ने कुणाल शर्मा के ही रिश्तेदारों को उठाकर बुरी तरह टॉर्चर किया। एक नाबालिग लड़का अस्पताल में भर्ती है। एक के बाद एक तीन ऐसी जघन्य वारदात गौतमबुद्ध नगर में हो चुकी हैं। जिनमें बच्चों के अपहरण और हत्या की गई हैं। कुणाल शर्मा हत्याकांड से शहर के लोगों में नोएडा पुलिस के प्रति ग़ुस्सा है। लोग सोशल मीडिया पर अपने ग़म और ग़ुस्से का इज़हार कर रहे हैं। 'ट्राईसिटी टुडे' ने इस मसले पर एक ट्विटर पॉल किया। जिसमें शहर के लोगों से सवाल था 'नोएडा में पुलिस क्राइम कंट्रोल कर पा रही है', इस सवाल पर 24 घंटों के दौरान 591 लोगों ने अपना मत रखा है। इनमें 87.5% लोगों ने 'नहीं' विकल्प को चुना है। केवल 12.5% लोगों ने 'हाँ' विकल्प को चुना है। मतलब, 87.5% लोगों का मानना है कि नोएडा पुलिस क्राइम कंट्रोल करने में नाकाम है।

क्या है कुणाल शर्मा हत्याकांड
बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में स्थित ऐच्छर सीएनजी पंप के पास से एक व्यापारी के 15 साल के बेटे कुणाल का बुधवार (1 मई 2024) दोपहर 2:45 बजे अपहरण हुआ था। दिनदहाड़े व्यापारी के बेटे का अपहरण हो गया और पुलिस को पता तक नहीं चला। व्यापारी के परिजनों ने अनहोनी की आशंका जाहिर की थी, फिर भी जिले के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी मजे से सोते रहे और इसका अंजाम अब परिजनों को भुगतना पड़ा है। अपहरण के पांच दिन बाद 5 मई 2024 को बच्चे की लाश बुलंदशहर में मिली। पुलिस दावा रहती है कि उनके पास बेहतर सुरक्षा व्यवस्था है और तमाम सीसीटीवी फुटेज लगे हुए हैं। उसके बावजूद भी बच्चे का अपहरण होने के बाद हत्या कर दी गई और पुलिस एक दाने तक की जांच नहीं कर पाई। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की नाकामी का चेहरा हैं ये तीन मासूम
गौतमबुद्ध नगर जिले से अपराध का सफाया करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जनवरी 2020 को बड़ा कदम उठाया और पुलिस अधीक्षक सिस्टम खत्म करके पुलिस कमिश्नर रूल लागू किया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले एमएनसी मैनेजर गौरव चंदेल हत्याकांड के बाद यह फैसला लागू हुआ। परिणाम आशा से बेहतर आए और योगी आदित्यनाथ अपने इस फ़ैसले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छा गए। पुलिस कमिश्नरेट ने अपने शुरुआती दौर में शानदार काम करके दिखाया। एक से बढ़कर एक परिणाम दिए। पिछले एक साल में कई ऐसी वारदात हुई हैं, जिनकी वजह से गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट पर नाकामी के बदनुमा दाग़ लगे हैं। इनमें तीन मासूमों वैभव, दक्ष और कुणाल की अपहरण के बाद हत्याएं सबसे ऊपर हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट तो छोड़िए एसएसपी रूल के इतिहास में ऐसा देखने के लिए नहीं मिला था।

वैभव सिंघल हत्याकांड
वैभव की लाश रबूपुरा थाना क्षेत्र में स्थित चचूरा गांव के पास नहर से बरामद हुई थी। कई दिनों तक गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम वैभव की लाश ढूंढ़ने में लगी हुई थी। वैभव अपने घर से बीते 30 जनवरी 2024 को गायब हुआ था। उसके बाद परिजनों ने दनकौर पुलिस को शिकायत दी। आरोप रहा कि पुलिस ने वैभव की तलाश के लिए कोई काम नहीं किया, जिसकी वजह से उसकी हत्या हुई। वैभव सिंघल बिलासपुर कस्बे में रहने वाले एक व्यापारी का बेटा था। वैभव के मोबाइल में एक मुस्लिम लड़की के आपत्तिजनक फोटो थे। जिस लड़की के फोटो थे, उसी के प्रेमी ने पहले वैभव को मिलने के लिए बुलाया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी। वैभव को मोबाइल से आपत्तिजनक फोटो डिलीट करवाने के लिए बुलाया था, लेकिन दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद मामला इतना बढ़ गया कि आरोपी ने वैभव की हत्या कर दी। परिवार की महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि पुलिस को हत्यारोपियों के नाम बताए थे। पुलिस ने लापरवाही बरती थी। वैभव हत्याकांड को लेकर स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी मुख्यमंत्री से मिले थे।

यश मित्तल हत्याकांड
अमरोहा के रहने वाले एक कारोबारी ने 27 फरवरी 2024 को दादरी पुलिस में बेटे यश की गुमशुगी की शिकायत दर्ज कराई। यश ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी में बीबीए फर्स्ट ईयर का छात्र था। वह 26 फरवरी को अचानक गायब हो गया था। गुमशुदगी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कई टीमों का गठन कर जांच शुरू करने का दावा किया। पुलिस ने गुमशुदा छात्र की तलाश के लिए चलाए गए ऑपरेशन के तहत एक आरोपी को हिरासत में लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि 26 फरवरी को उन्होंने यश को फोन करके अमरोहा बुलाया था। इसके बाद उन्होंने यश के साथ मिलकर तिगरिया अमरोहा के जंगलों में बैठकर पार्टी की। इस दौरा यश का अपने दोस्तों के साथ किसी बात पर विवाद हो गया और उन्होंने यश की गला दबाकर हत्या कर दी। वहीं पांच से छह फीट का गड्ढा खोदकर उसका शव दबा दिया। पुलिस को लाश मिली और अफ़सरों ने कड़ी कार्रवाई करने का परिवार को आश्वासन देकर अपने फ़र्ज़ की अदायगी कर दी।

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