Greater Noida News : कुख्यात अनिल दुजाना ने 21 सालों तक खौफ पैदा करके करीब 150 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति कमाई थी। यह पूरी संपत्ति अवैध है। अभी तक की जांच में यह भी पता चला है कि अनिल दुजाना के करीबी 250 लोग हैं। जो उसके नाम पर रंगदारी मांगते हैं और आतंक फैलाते हैं, लेकिन अनिल दुजाना की मौत के बाद पूरा गैंग शांत हो गया है। फिर भी पुलिस इन 250 लोगों को निकालकर लाएगी। इनकी कुंडली निकाली जा रही है।
इन सवालों का जबाव ढूंढ रही पुलिस
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक अनिल दुजाना के पास एक मोबाइल फोन मिला है। जिसमें करीब 40 लोगों के कांटेक्ट नंबर हैं। अब यूपी एसटीएफ पुलिस और अन्य एजेंसी इस बात का पता लगाने में लग गई है कि ये 40 लोग कहां पर हैं, क्या करते हैं, अनिल दुजाना से कैसे संपर्क हैं और अनिल दुजाना के लिए कैसे काम करते हैं?
अनिल दुजाना इस तरह कर रहा था गैंग ऑपरेट
यूपी एसटीएफ ने बताया कि अनिल दुजाना एक शातिर किस्म का अपराधी था, जो अपने गैंग के सदस्यों की रंजिश और उनके आर्थिक लाभ को ध्यान में रखकर अपना गैंग चलाता था। लगातार गैंग में नए सदस्य जोड़ता रहता था। दूसरे गैंग के साथ मिलकर भी अपराध करता था। अपने प्रतिद्वंदी और आर्थिक लाभ के लिए नृशंस हत्याएं करवाता था। अनिल दुजाना का जुड़ाव रणदीप भाटी रिठौरी गैंग से है। साथ ही मुकीम काला गैंग से भी अनिल दुजाना की घनिष्ठता है। शुरुआती दौर में अनिल दुजाना, रणदीप भाटी गैंग के लिए हत्या करता था, लेकिन बाद में उसने अपना मजबूत गैंग बना लिया था।
इन लोगों से उसे मिल रही थी मदद
यूपी एसटीएफ ने बताया कि अनिल दुजाना विवादित संपत्तियों के विवादों में धन वसूली करता था। जिसमें शहजाद मामा और चंद्रपाल बंबावड़ उसके सहयोगी थे। यह लोग विवादित संपत्तियों से जुड़ी पार्टियों की मुलाकात अनिल दुजाना से करवाते थे। फिलहाल शहजाद मामा से पैसे के बंटवारे को लेकर अनिल दुजाना की नाराजगी चल रही थी। इसी तरह बादलपुर कस्बे में अनिल दुजाना के लिए तहबाजारी की वसूली बिल्लू दुजाना करता था। इस पैसे की बेईमानी को लेकर अनिल दुजाना से बिल्लू की अनबन हो गई। एसटीएफ के मुताबिक सिकंदराबाद में एक विवादित संपत्ति को लेकर खिज्जू ने अनिल दुजाना को पैसे नहीं दिए। इस पर तेजू और अनिल दुजाना के बीच भी अनबन हो गई। फिलहाल अनिल दुजाना का काम उसका भाई मेनपाल, बबलू दुजाना, चंद्रपाल बंबावड़, हरेंद्र प्रधान, शालू, सुनील दुजाना, अनिल दुजाना और कुलदीप नागर देख रहे हैं। यूपी एसटीएफ ने एक वकील को भी गैंग के लिए पैसों के लेनदेन और पैरोकारी में शामिल बताया है।