Tricity Today | ग्रेटर नोएडा के गांवों का बुरा हाल
Greater Noida News : स्मार्ट विलेज तो केवल नाम को ही बने हैं। असल में देखा जाए तो गांव का बुरा हाल हुआ है। जिस गांव में जाओगे, उसमें स्मार्ट विलेज की हवा निकलती हुई दिखाई देगी। ग्रेटर नोएडा के ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण ने स्मार्ट विलेज बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन अगर जमीन पर जाकर देखोगे तो कुछ भी नहीं मिलेगा। यह आरोप ग्रेटर नोएडा के ग्रामीणों ने प्राधिकरण पर लगाए है।
मार्ग पर गंदगी का अंबार लगा हुआ
ग्रेटर नोएडा में स्थित हबीबपुर गांव के निवासियों का कहना है कि उनके गांव में प्राधिकरण विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। दावा किया जाता है कि सफाई कर्मचारी रोजाना साफ सफाई करते हैं, लेकिन अगर जमीन पर जाकर देखोगे तो कुछ नहीं मिलेगा। डेरिन गांव के निवासी रघुराज का कहना है कि गांव में सफाई नाम मात्र को भी नहीं है। जहां देखो कूड़े का ढेर पड़ा होता है। हबीबपुर और उनके गांव को जोड़ने वाले मार्ग पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियों से पानी बाहर आता है।
स्मार्ट विलेज में करोड़ों रुपए बर्बाद किए
सुत्याना गांव के निवासी दयाचंद प्रजापति का कहना है कि गलियों में गंदगी पड़ी रहती है। नालियों से पानी बाहर निकलता रहता है। काफी जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। इसकी शिकायत प्राधिकरण के कर्मचारियों से की जाती है। लेकिन सब अनसुना कर देते हैं, यह गलत है। अगर प्राधिकरण स्मार्ट विलेज बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है तो वह जमीनी स्तर पर भी दिखना चाहिए।
यह एक घोटाला है
तुस्याना गांव के निवासी अजब सिंह भाटी का कहना है कि मच्छर मारने की दवाई छिड़कने के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। फॉगिंग मशीन आती है, लेकिन उसमें कोई दवाई नहीं मिलाई जाती है, प्राधिकरण के कर्मचारी केवल प्रदूषण करके भाग जाते हैं। पतवाड़ी गांव के निवासी जितेंद्र अग्रवाल का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ग्रामीणों ने काफी बार शिकायत की है, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जाता। गांव की साफ-सफाई और व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है।