BIG BREAKING : चिटहेरा भूमि घोटाले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस को सबसे बड़ा झटका, मालू ने किया सरेंडर, सोती रही एसआईटी

Tricity Today | लाल घेरे में मालू



Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के सरकारी जमीन घोटाले में पुलिस को तगड़ा झटका लगा है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर के मुखोटे मालू ने अदालत में सरेंडर कर दिया है। बड़ी बात यह है कि घोटाले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। मालू एसआईटी को गच्चा देकर अदालत पहुंच गया। इस पूरे घोटाले में मालू ही वह व्यक्ति है, जिसके जरिए यशपाल तोमर ने सरकारी और चिटहेरा गांव के किसानों की जमीन हड़पी हैं।

एसआईटी की जांच में दिलचस्पी नहीं
चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की दिलचस्पी मामले में जांच करने को लेकर नहीं है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 8 महीने पहले गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश पर यशपाल तोमर और 9 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है। जिसमें साक्ष्यों और दस्तावेजों की संख्या करीब 2,000 है। मतलब जिला प्रशासन ने सारे जरूरी दस्तावेज और सबूत पुलिस को देखकर यह एफआईआर दर्ज करवाई। इसके बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी रही और सारे आरोपियों ने हाईकोर्ट से जमानत या अग्रिम जमानत ले ली।

यशपाल को गिरफ्तार तक नहीं कर पाई नोएडा पुलिस
यशपाल तोमर को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। उसे उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। उत्तराखंड पुलिस ने ही यशपाल तोमर पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की। मेरठ और हरिद्वार पुलिस ने उसकी दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, मेरठ और ग्रेटर नोएडा में संपत्तियां जब्त कीं। आयकर विभाग ने उसकी 100 करोड़ रुपए से ज्यादा संपत्ति को बेनामी घोषित किया। सवाल यह उठता है, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने क्या किया?

घोटाले में मालू की क्या भूमिका?
चिटहेरा भूमि घोटाले में मालू की बड़ी भूमिका है। वह यशपाल तोमर के मुखोटे के तौर पर काम कर रहा था। गांव के किसानों से पावर ऑफ अटॉर्नी और एग्रीमेंट मालू के नाम पर जबरन हासिल किए गए। इसके बाद मालू ने पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए किसानों की जमीन यशपाल तोमर के रिश्तेदारों के नाम की। जिनमें यशपाल तोमर का साला अरुण सिंह, ससुर ज्ञानचंद और पत्नी शामिल हैं। इतना ही नहीं इन लोगों ने सिस्टम को धोखा देने के लिए किसानों से जमीनों का बैनामा करवाते वक्त उनके खातों में जो पैसा ट्रांसफर किया वह बाद में मालू और उसकी मां के बैंक खातों में वापस भेजा गया है। ट्राईसिटी टुडे के पास ऐसे सारे दस्तावेज उपलब्ध हैं। हम लगातार इन तथ्यों पर समाचार प्रकाशित कर रहे हैं। लेकिन गौतमबुद्ध नगर पुलिस की एसआईटी आंख-कान बंद करके चुपचाप बैठी हुई है।

मालू ने 25 जनवरी को किया सरेंडर
गौतमबुद्ध नगर पुलिस की एसआईटी ने यशपाल तोमर और लेखपाल शीतला प्रसाद के खिलाफ चार्जशीट गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में दाखिल की है। जिसमें तमाम झोल हैं। एसआईटी की चार्जशीट में 66 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, लेकिन एफआईआर में नामजद लोगों का कोई जिक्र नहीं किया गया है। गांव के किसानों का कहना है कि जिन लोगों ने इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है, पुलिस उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास कर रही है। यही वजह है कि अब तक एफआईआर में नामजद 9 लोगों में से किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

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