शहर में कूड़े को निस्तारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार प्रयास कर रहा है। अब लखनावली गांव में शहर का पहला कूड़ा प्रसंस्करण केंद्र (रेमेडिएशन प्लांट) बनेगा। दो माह में यह बनकर तैयार हो जाएगा। यहां पर दो साल में 4 लाख टन कूड़े को निस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में आबादी बढ़ती जा रही है, लेकिन कूड़े के निस्तारण के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं है। ग्रेटर नोएडा में अभी तक कूड़े को निस्तारित करने के लिए कोई संयंत्र नहीं लगा है। शहर में रोजाना करीब 100 टन कूड़ा निकलता है। यह कूड़ा लखनावली गांव में एकत्र किया जा रहा था। यहां पर करीब चार लाख टन कूड़ा एकत्र हो गया है। इस कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण ने योजना बनाई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कूड़ा निस्तारण करने के लिए प्लांट बनाने का निर्णय लिया है। प्लांट लगाने के लिए कंपनी का चयन किया गया। इसके लिए टेंडर निकाले गए थे।
प्राधिकरण ने ब्राजील की कंपनी लारा और भारतीय कंपनी एजी इनवायरो मिलकर के साथ मिलकर कूड़े का निस्तारण करेगी। कंपनी दो माह में प्लांट लगा लेगी। प्लांट लगने के बाद कूड़े का निस्तारण शुरू हो जाएगा। यहां एकत्र किए गए कूड़े को अलग किया जाएगा। अनुमान के मुताबिक 60 फीसदी कूड़े की खाद बन जाएगी। प्लास्टिक और डस्ट (ड्राई वेस्ट) को अलग करके सडक़ बनाने व गड्डे भरने में इस्तेमाल किया जाएगा। बचे हुए कूड़े को अस्तौली में निर्माणाधीन लैंडफिल साइट पर डंप किया जाएगा।
अफसरों के मुताबिक लैंडफिल साइट में जाने वाला कूड़ा करीब 15 प्रतिशत होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कूड़े से बनने वाली खाद पार्क-ग्रीन बेल्ट में इस्तेमाल करेगा। अगर खाद बच जाती है तो उसे बेचा जाएगा। इससे प्राधिकरण को आमदनी भी होगी।