Greater Noida News : चिटहैरा भूमि घोटाला में शनिवार को पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर और उसके 8 साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा लेखपाल की शिकायत पर हुआ है। लेखपाल ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई के निर्देशों पर इन 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। पिछले दिनों डीएम सुहास एलवाई ने यशपाल तोमर को भूमाफिया घोषित किया था। आपको बता दें कि आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' ने अरबों रुपए के इस भूमि घोटाले का खुलासा किया है। 'ट्राईसिटी टुडे' की खबर के बाद ही यशपाल तोमर की 300 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त की गई हैं।
इन धाराओं में हुआ मुकदमा दर्ज
दादरी कोतवाली के थाना प्रभारी ने बताया कि लेखपाल ने चिटहैरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर, नरेन्द्र कुमार, कर्मवीर, बेलू, कृष्णपाल, एम भास्करन, केकेसन्त, गरीश वर्मा और सरस्वती देवी के खिलाफ तहरीर दी। जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ धारा संख्या 420, 467,468 के 471 के मुकदमा दर्ज किया गया है।
बुधवार से कार्रवाई शुरू हुई थी
आपको बता दें कि चिटहेरा भूमि घोटाले में बुधवार से जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। दादरी तहसील प्रशासन ने घोटाले में शामिल लोगों से जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खतौनी में बढ़ा रकबा हटाने के लिए तीन लोगों को नोटिस जारी किया है। नोटिस के जरिये उनको पक्ष रखने का मौका दिया गया है।
डीएम सुहास एलवाई के आदेशों पर अमल शुरू
दादरी तहसील के चिटहेरा गांव के जमीन घोटाले में डीएम सुहास एलवाई ने मंगलवार को कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए थे। डीएम ने जमीन घोटाले में भूमाफिया यशपाल तोमर और उसके साथियों, पट्टा रजिस्टर रखने वाले कर्मचारी और राजस्व रिकार्ड में हेरफेर करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद आज शनिवार को इस मामले में यशपाल तोमर समेत 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं, सरकारी जमीन का मुआवजा लेने वालों से वसूली करने और तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार समेत आधा दर्जन अफसरों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा राजस्व रिकार्ड को दुरुस्त करने का आदेश दिया है।
घोटाले की जांच पूरी करने में लगे 7 महीने
'ट्राईसिटी टुडे' ने चिटहैरा भूमि घोटाले का खुलासा पिछले साल नवंबर महीने की शुरुआत में किया था। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने संज्ञान लिया और जांच करने की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव को सौंपी थी। इस दौरान मेरठ, हापुड़, दादरी और जिला मुख्यालय के अभिलेखागार से तमाम दस्तावेज अपर जिलाधिकारी ने हासिल किए। करीब 65 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। एडीएम ने पिछले सप्ताहांत में करीब 1,000 पन्नों की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी है। आज कलेक्ट्रेट में होने वाली बैठक के दौरान इस जांच रिपोर्ट को खोला जाएगा। एडीएम की ओर से की गई सिफारिशों पर आगे की कार्यवाही तय होगी।
27 नवंबर 2021 को ट्राईसिटी टुडे ने किया था पूरे मामले का खुलासा
करीब 4 दशक पहले चिटहेरा गांव में दलितों और भूमिहीनों के नाम पर पट्टे आवंटित किए गए। यह आवंटन पत्रावली रद्द कर दी गई थी। इसके बाद तहसील में रखे दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया। मतलब, किसी आवंटी को ग्राम पंचायत समिति ने आधा बीघा जमीन दी थी, दस्तावेजों में कटिंग और गड़बड़ियां करके उनके नाम कई-कई बीघा जमीन दर्ज कर दी गई। इसके बाद माफिया ने दूसरे जिलों से एससी और एसटी जातियों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को चिटहेरा का मूल निवासी बताकर रजिस्ट्री और एग्रीमेंट करवाए। जब तक यह जमीन चिटहेरा गांव के दलितों के नाम थी, उन्हें तहसील प्रशासन ने संक्रमणीय भूमिधर घोषित नहीं किया। जैसे ही जमीन बाहरी लोगों के नाम दर्ज हुई, उन्हें संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया गया। ट्राईसिटी टुडे ने शीर्षक "बड़ा खुलासा : ग्रेटर नोएडा में अरबों की सरकारी जमीन माफिया ने हड़पी, किसानों को फर्जी मुकदमों में जेल भिजवाया, नोएडा एसटीएफ ने जांच शुरू की" से पहला समाचार प्रकाशित किया था।