ग्रेटर नोएडा में बोले NXP सेमीकंडक्टर्स के सीईओ : कंपनी भारत में 1 बिलियन डॉलर का करेगी निवेश, स्थापित करेगी R&D सेंटर

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Greater Noida News : डच कंपनी NXP सेमीकंडक्टर्स भारत में 1 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेगी। इससे कंपनी के अनुसंधान और विकास R&D में दोगुना वृद्धि होगी। कंपनी के सीईओ ने कहा कि दुनिया के बड़े वैश्विक नाम भारत पर दांव लगा रहे हैं क्योंकि वे उद्योगों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भारत का रुख कर रहे हैं। कंपनी के सीईओ कर्ट सीवर्स ने सेमीकॉन 2024 इंडिया कॉन्फ्रेंस में कहा कि NXP अगले कुछ वर्षों में देश में अपने R&D प्रयासों को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। जो 1 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश होगा। 

ताइवान जैसे चिपमेकिंग पावरहाउस को मिलेगी टक्कर 
उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में ऑटोमोटिव क्षेत्र और अन्य उद्योगों के साथ बातचीत कर रही है। जहां इसके चार सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्र हैं। इनमें लगभग 3,000 लोग कार्यरत हैं। भारत में चिपमेकिंग अभी भी शुरुआती चरण में है, लेकिन यह इसकी आर्थिक रणनीति का एक प्रमुख तत्व है। जिसमें ताइवान जैसे ग्लोबल चिपमेकिंग पावरहाउस को टक्कर देने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 10 बिलियन डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज दिया गया है। भारत को उम्मीद है कि 2026 तक उसका सेमीकंडक्टर बाजार बढ़कर 63 बिलियन डॉलर हो जाएगा।

चीन और ताइवान पर कम होगी निर्भरता 
Nvidia और AMD जैसी प्रमुख कंपनियों ने देश में पर्याप्त शोध और डिजाइन केंद्र स्थापित किए हैं। जो ग्लोबल इकोसिस्टम में इसके बढ़ते महत्व को बताता हैं। जिसका उद्देश्य चीन और ताइवान जैसे देशों पर सेमीकंडटर की उपलब्धता की निर्भरता को कम करना है। इससे पहले पीएम मोदी ने भी कहा था कि भारत का चिप डिजाइनिंग प्रतिभा में लगभग 20 प्रतिशत योगदान बढ़ रहा है। भारत आने वाले दिनों में 85,000 तकनीशियन, इंजीनियरों और R&D विशेषज्ञ तैयार करेगा। 

5000 नाैकरी देगी माइक्रोन 
माइक्रोन कंपनी के सीईओ संजय मेहरोत्रा ​​ने पिछले साल कहा था कि गुजरात में 2.7 बिलियन डाॅलर की टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट लगेगी। इसके लिए अमेरिकी मेमोरी चिप निर्माता कंपनी गुजरात में लगभग 5,000 लोगों को रोजगार का असवर देगी। वहीं, फरवरी में भारत ने टाटा समूह और CG पावर सहित फर्मों को 1.26 ट्रिलियन के तीन सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने की अनुमति दी। 

चार वर्षों में 400 मिलियन डॉलर का होगा निवेश 
चिपमेकिंग उपकरण विक्रेता एप्लाइड मैटेरियल्स ने पिछले साल जून में कहा था कि वह भारत में एक नए इंजीनियरिंग केंद्र में चार वर्षों में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। जुलाई में एनएक्सपी ने चार वर्षों में अपनी सबसे खराब तिमाही राजस्व गिरावट की सूचना दी और तीसरी तिमाही के राजस्व को अनुमान से कम बताया। जिससे ऑटोमोटिव चिप्स की मांग को लेकर चिंता बढ़ गई।

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