Ghaziabad News : गाजियाबाद में स्थित वेवसिटी और सनसिटी के निवासियों के लिए एक नई चुनौती सामने आई है। इन आवासीय परिसरों के रहवासियों पर हाउस टैक्स और सीवरेज टैक्स लगाए जाने की संभावना ने चिंता की लहर पैदा कर दी है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक पत्र लिखा। इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श के लिए सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए), हाईटेक टाउनशिप के प्रतिनिधियों और नगर निगम के अधिकारियों ने भाग लिया।
समिति का गठन
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले के समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक छह सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता शहरी एवं आवास विभाग के विशेष सचिव करेंगे। समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। अन्य सदस्यों में नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा नामित एक वरिष्ठ अधिकारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा नामित एक वरिष्ठ अधिकारी, जीडीए और एलडीए के उपाध्यक्ष, लखनऊ और गाजियाबाद के नगर आयुक्त और आवास बंधु के निदेशक शामिल हैं।
क्या है मामला
नगर निगम का तर्क है कि कानून के अनुसार, किसी कॉलोनी के निर्माण के सात वर्ष बाद निगम को वहां से टैक्स वसूलने का अधिकार मिल जाता है। चूंकि हाईटेक टाउनशिप को इससे अधिक समय हो चुका है, इसलिए निगम का मानना है कि उसे यहां से टैक्स वसूलने का अधिकार मिलना चाहिए। यदि यह निर्णय नगर निगम के पक्ष में जाता है, तो वेवसिटी और सनसिटी के निवासियों को दोहरा वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है। उन्हें न केवल हाउस टैक्स देना पड़ेगा, बल्कि बिल्डर को मेंटेनेंस शुल्क का भी भुगतान करना होगा। यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक कि कॉलोनी को औपचारिक रूप से नगर निगम को हस्तांतरित नहीं कर दिया जाता।