Tricity Today | चिटहेरा भूमि घोटाले में बड़ा खुलासा
Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले में भले ही पुलिस ने जांच पूरी करके अपना काम पूरा कर दिया है, लेकिन इस महाघोटाले में एक के बाद एक सनसनीख़ेज़ ख़ुलासे हो रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर के तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश पर इस घोटाले में जिन लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी, उसमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के समधी और समधन शामिल हैं। उन दोनों के ख़िलाफ़ गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने चार्जशीट जिला न्यायालय में दाख़िल की है। अब ट्राईसिटी टुडे की पड़ताल में जो तथ्य सामने आए हैं, वह और भी चौंकाने वाले हैं। इस घोटाले के मास्टरमाइंड भूमाफ़िया यशपाल तोमर से पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की बहू गौरी बहुगुणा ने करोड़ों रुपये लिए हैं। गौरी बहुगुणा के ही माता-पिता के ख़िलाफ़ पुलिस ने चार्जशीट फ़ाइल की है। अब सवाल यह उठता है कि आख़िर इस हाईप्रोफ़ाइल परिवार से यशपाल तोमर का क्या रिश्ता है?
ट्राईसिटी टुडे ने पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन जवाब नहीं आया
ट्राईसिटी टुडे ने साकेत बहुगुणा और गौरी बहुगुणा से इस पूरे मामले पर पक्ष जानने का प्रयास किया है। पिछले 10 दिनों के दौरान साकेत बहुगुणा के अलग-अलग चार नंबरों पर मैसेज करके पूरे प्रकरण की जानकारी दी गई है। उन्हें मेल किया गया है। उन्हें तीन बार फ़ोन कॉल भी किए गए, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया गया है। आपको बता दें कि साकेत बहुगुणा हाउसिंग फाइनेंस और तमाम दूसरे सेक्टरों में काम करने वाली बड़ी कम्पनी इंडिया बुल्स के निदेशक मंडल में शामिल हैं। वह उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं। गौरी बहुगुणा उनकी पत्नी हैं।
क्या है ताजा मामला
दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में अंतरराज्यीय भूमाफ़िया गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके गैंग ने अरबों रुपये की सरकारी व ग़ैर सरकारी ज़मीन हड़पी हैं। गांवों के किसानों से ज़मीन हड़पने के लिए उनके ख़िलाफ़ रेप, क़ातिलाना हमला करने, डकैती, लूटपाट, चोरी और बलवा जैसे संगीन आरोपों में फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज करवाए। यह मुक़दमे उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अलग-अलग जगहों पर दर्ज करवाए गए। निर्दोष किसानों को जेल भेजकर जबरन जमीन अपने नाम करवाई गई। क़रीब डेढ़ सौ बीघा जमीन अनिल राम, साधना राम और उनकी कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवाई गई। अनिल राम, साधना राम और उनकी कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के ख़िलाफ़ दादरी कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई। डिस्ट्रिक्ट एंटी भूमाफिया टास्क फ़ोर्स ने कंपनी को भूमाफ़िया घोषित किया था। साधना राम और अनिल राम, गौरी बहुगुणा के माता-पिता हैं। जिस वक़्त इस भूमि घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, उसी वक़्त गौरी बहुगुणा और गैंगस्टर यशपाल तोमर के बीच सीधे पैसों का लेन देन चल रहा था। यशपाल तोमर और गौरी के बीच 50-50 लाख रुपये के दो बड़े बैंक ट्रांजेक्शन सामने आए हैं।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने क्यों ध्यान नहीं दिया
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 14 जुलाई 2023 को इस मामले में चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट जिला न्यायालय में दाख़िल की है। जिसमें सह अभियुक्त राजेश शर्मा को आरोपी बनाया गया है। सप्लीमेंट्री चार्जशीट के साथ मुख्य अभियुक्त यशपाल तोमर, उसके गुर्गों करमवीर, बैलू, मालूम और कृष्णपाल के बैंक खातों की स्टेटमेंट दाख़िल की गई हैं। पुलिस ने राजेश शर्मा को इस आधार पर आरोपी बनाया है कि इन सारे लोगों के साथ राजेश शर्मा ने बड़ा लेन-देन किया है, लेकिन पुलिस ने कई ऐसे चेहरों को छोड़ दिया है, जिन्होंने सीधे यशपाल तोमर के साथ करोड़ों रुपया का लेन-देन किया है। इनमें गौरी बहुगुणा भी शामिल है। गौरी बहुगुणा को यशपाल तोमर के बैंक खाते से 30 मार्च 2019 को 50,00,000 रुपये ट्रांसफर किए गए। ठीक नौ महीने बाद 23 दिसंबर 2019 को दूसरा ट्रांजेक्शन हुआ है। इस बार भी गौरी बहुगुणा के खाते में 50,00,000 रुपये भेजे गए हैं। ख़ास बात यह है कि दोनों बार यह ट्रांजेक्शन करने से पहले पैसा आर्यनवीर एग्रो फ़ूड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के खातों से यशपाल तोमर के खाते में ट्रांसफर किया गया है। आपको बता दें कि आर्यनवीर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में यशपाल तोमर की पत्नी अंजना और भूमाफ़िया के सबसे नज़दीकी करमवीर निदेशक हैं। एक और हैरतंगेज़ जानकारी आपको देते है कि करमवीर ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाला (बीपीएल) व्यक्ति है। वह मूल रूप से बागपत ज़िले के बरवाला गांव का रहने वाला है। उसे फर्जीवाड़ा करके चिटहेरा गांव का निवासी बनाया गया था। यशपाल तोमर भी बरवाला गांव का निवासी है। यह हास्यास्पद स्थिति है कि ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोग पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्रवधू के बैंक खातों में करोड़ों रुपया ट्रांजेक्शन कर रहे थे।
एक वजह के लिए दो तरह के एक्शन
चिटहेरा भूमि घोटाले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कितने गंभीर ढंग से जांच की है, अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि एक ही तरह के अपराध के लिए अलग-अलग क़दम पुलिस ने उठाए हैं। जहां एक तरफ बैंक खातों में लेन-देन के आधार पर राजेश शर्मा को आरोपी बनाया गया। राजेश शर्मा की गिरफ़्तारी हुई। वहीं, दूसरी ओर गौरी बहुगुणा तक पुलिस पहुंच नहीं पाई। गौरी को पुलिस ने पूछताछ तक के लिए नहीं बुलाया। उससे यह तक जानने की कोशिश नहीं की गई कि यशपाल तोमर के साथ उसका इतना बड़ा लेन-देन क्यों हुआ है? जबकि गौरी बहुगुणा के माता-पिता अनिल राम-साधना राम भूमि घोटाले में आरोपी हैं। उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की गई है। उनकी कम्पनी को भूमाफिया घोषित किया गया है।