ग्रेटर नोएडा :  डिप्टी सीएम 12 सितम्बर को दादरी आएंगे, श्रीचंद शर्मा ने कहा- हमारी मांगों और सरकार की उपलब्धियों पर होगा मंथन

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस



Uttar Pradesh News : मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट से एमएलसी श्रीचंद शर्मा 12 सितम्बर को दादरी के धूम मानिकपुर में 'शिक्षक सम्मेलन' कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूपी के डिप्टी चीफ मिनिस्टर डॉ.दिनेश शर्मा रहेंगे। वरिष्ठ अतिथि के रूप में गौतमबुद्ध नगर के सांसद और पूर्व मंत्री डॉ. महेश शर्मा मौजूद रहेंगे। श्रीचंद शर्मा ने कहा, "इस सम्मेलन में मेरठ और सहारनपुर मण्डल के 9 जिलों से शिक्षक आएंगे। हम लोग शिक्षकों की मांगों और सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा करेंगे।" यह जानकारी शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।

श्रीचंद शर्मा ने कहा, "दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर और विजय भाटी स्वागत अध्यक्ष रहेंगे। कार्यक्रम में बतौर सह-संयोजक शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी, हरिशंकर गंगवार, यादवेन्द्र और अनिल सक्सेना हैं। पश्चिम क्षेत्र के भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के संयोजक और सह संयोजक भी इस कार्यक्रम में सहभागिता निभा रहे हैं।" इस सम्मेलन में मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 9 जिलों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, बुलन्दशहर और गौतमबुद्ध नगर से शिक्षक भाग लेंगे।"

शिक्षकों की मांग और सुझाव डिप्टी सीएम के सामने रखेंगे
श्रीचंद शर्मा ने कहा, "इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों की मांगों पर विचार करना है। शिक्षक अपनी समस्याओं से डिप्टी सीएम को अवगत करवाएंगे। दूसरी ओर सरकार और दिनेश शर्मा ने जो शिक्षक हितों में काम किया है, उसकी जानकारी देंगे।" श्रीचंद शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम धूम मानिकपुर में केशव माधव कॉलेज के सामने होगा। सुबह 10 बजे से कार्यक्रम है। करीब दो घण्टे सम्मेलन चलेगा। उसके बाद 12 बजे डिप्टी सीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। शिक्षा क्षेत्र की मांगों और उपलब्धियों पर मंथन होगा।

श्रीचंद शर्मा से सवाल पूछा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार का कार्यकाल लगभग 6 माह बचा है। ऐसे में शिक्षकों की ओर से बताई जाने वाली समस्याओं और मांगों का निस्तारण इतनी जल्दी कैसे हो पाएगा? क्या इस सम्मेलन में आने वाले मुद्दों को आगामी विधानसभा चुनाव के एजेंडे में समाहित करेंगे? इस पर श्रीचंद शर्मा ने कहा, "कुछ मांगों पर जल्दी स्पष्टता आ जाएगी। डिप्टी चीफ मिनिस्टर डॉक्टर दिनेश शर्मा खुद अपने कार्यक्षेत्र के जिम्मेदार हैं। मैं आपको बता दूं कि हम लोग सरकार में एक बार फिर पूरी ताकत के साथ वापस लौट रहे हैं। आगर कोई मांग और समस्या रह जाएंगी तो उनका समाधान भी करेंगे।"

निजी और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के शोषण व परेशानियों पर श्रीचंद शर्मा ने कहा, "पहले केवल सरकारी और राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक ही हमारे चुनाव में शामिल होते थे। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से लड़ाई लड़कर प्राइवेट और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को इस चुनाव में मतदाता का दर्जा दिलवाया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इन शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों का मेरे निर्वाचन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए नियामक संस्थाओं को सुदृढ़ कर रहे हैं। वेतन उनके बैंक एकाउंट में जाए, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके बाद भी शिक्षकों की जो परेशानी आएंगी तो उन पर काम किया जाएगा।" 

योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षक हित में कई बड़े कदम उठाए
श्रीचंद शर्मा ने कहा, "योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षकों से जुड़ी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाने और इनके हितों को सुरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पिछली सरकारें चुनाव ड्यूटी में मरने वालों के परिजनों को ही आर्थिक सहायता देती थीं। लिहाजा, बीते चुनाव में ऐसे केवल 3 शिक्षक थे। इस सरकार ने फैसला लिया कि चुनाव ड्यूटी के वक्त कोरोना संक्रमित हुए शिक्षकों को मुआवजा दिया जाए। इसके संक्रमण से मरे शिक्षकों के आश्रित परिजनों को भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने आर्थिक सहायता दी है।" शिक्षक एमएलसी ने आगे कहा, "ट्रांसफर सिस्टम ऑनलाइन कर दिया है। यह व्यवस्था प्राइमरी, उच्च प्राइमरी, माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के ट्रांसफर ऑनलाइन हो रहे हैं। यह व्यवस्था ना केवल अंतर्जनपदीय बल्कि अंतः जनपदीय तबादले भी इसी व्यवस्था से किए जा रहे हैं। माध्यमिक शिक्षकों को पहली बार ट्रांसफर लेने का मौका दिया। हालांकि, इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हमारी सरकार ने शिक्षा विभाग में पारदर्शिता से काम करने की रीति कायम की है। कोरोना काल में मरे शिक्षकों के मृतक आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार महज 15 दिनों में सेवायोजित किया है। पहले इनके मृतक आश्रितों को केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नियुक्ति मिलती थी। अब इन्हें क्लर्क और योग्यता के आधार पर नौकरी दे रहे हैं।

संस्कृत शिक्षा को कई दशक बाद इस सरकार ने मजबूत किया
श्रीचंद शर्मा ने बताया कि संस्कृत शिक्षा में बड़ा काम इस सरकार ने किया है। संस्कृत शिक्षा निदेशालय लखनऊ में बन रहा है। संस्कृत विद्यालयों में मानदेय के आधार पर नियुक्ति की जा रही हैं। संस्कृत संस्थानों को सुदृढ़ करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। ये संस्थान कई दशकों से उपेक्षित पड़े हुए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने भी संवाददाताओं से बात की। उन्होंने कहा कहा, "दादरी में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की स्वीकृति डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने दिया था। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कोट और जारचा गांवों के पास दो राजकीय इंटर कॉलेज बनाने का प्रस्ताव है। कोट गांव के पास कॉलेज को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी। जारचा में प्रस्तावित कॉलेज को जल्दी मंजूरी मिल जाएगी।"

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ के जिला संयोजक धर्मेंद्र शर्मा, शिक्षक प्रकोष्ठ के संयोजक कुलभूषण शर्मा, गाजियाबाद कोऑपरेटिव बैंक के निदेशक सीताराम शर्मा, भाजपा युवा मोर्चा के जिला महामंत्री चेतन वशिष्ठ, आदित्य शर्मा और जिला मीडिया प्रभारी कर्मवीर आर्य मौजूद रहे।

अन्य खबरें