ट्राईसिटी टुडे की खबर का असर : हिंडन खादर में रजिस्ट्री करने पर डीएम और एआईजी ने जांच शुरू की, सुहास एलवाई से मिले वकील

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर गांव की हिंडन नदी खादर वाली जमीन पर खरीद-फरोख्त करने और रजिस्ट्री करने के मामले का गुरुवार को आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राईसिटी टुडे ने खुलासा किया था। जिस पर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने संज्ञान लिया है। मामले में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और सहायक आयुक्त (स्टांप) को जांच करने का आदेश दिया है। केवल सब रजिस्ट्रार सदर के कार्यालय में हुई रजिस्ट्री की जांच नहीं की जाएगी, बल्कि जिले भर में हुई इस तरह की रजिस्ट्री जांच के दायरे में हैं। डीएम ने कहा है कि अगर गलत तरीके से रजिस्ट्री की गई हैं तो रिपोर्ट मिलते ही सब रजिस्ट्रार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को वकीलों ने जिलाधिकारी से मुलाकात भी की है।

क्या है पूरा मामला
दादरी तहसील के सूरजपुर गांव में खादर क्षेत्र के गाटा संख्या 779 की जमीन बेची गई है। यह जमीन 4 लोगों ने खरीदी है। सभी चारों रजिस्ट्री 20 अप्रैल 2021 को ग्रेटर नोएडा के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में करवाई गई हैं। रजिस्ट्री नंबर 8512/2021 के माध्यम से 843 वर्ग मीटर जमीन बेची गई। यह जमीन पूनम चड्ढा पत्नी बीवी चड्ढा ने पंकज मग्गो पुत्र कमल किशोर मग्गो को बेची है। पूनम चड्ढा दिल्ली में पश्चिम विहार की रहने वाली हैं और पंकज मग्गो ग्रेटर नोएडा में ईडब्ल्यूएचओ हाउसिंग सोसायटी के निवासी हैं।

दूसरी रजिस्ट्री 8513/2021 मैं भी 843 वर्ग मीटर जमीन बेची गई है। यह बैनामा पूनम चड्ढा ने सुमित मल्होत्रा पुत्र राजेंद्र पाल मल्होत्रा के नाम किया है। इसमें पता हीरानंदी एस्टेट ठाणे महाराष्ट्र का दर्ज किया गया है। तीसरा बैनामा 8514/2021 भी 20 अप्रैल 2021 को ही रजिस्टर्ड करवाया गया है। इसके जरिए भी 843 वर्ग मीटर जमीन ममता भाटिया पत्नी अशोक भाटिया ने ग्रेटर नोएडा की जलवायु विहार सोसायटी में रहने वाले भूपेंद्र कुमार पुत्र लायक सिंह को बेची है।

चौथी रजिस्ट्री 8515/2021 में 1459 वर्ग मीटर जमीन ममता भाटिया ने विनय बामिल पुत्र रणवीर सिंह बामिल और एसपी सिंह पुत्र बलजीत सिंह को संयुक्त रूप से बेची है। विनय बामिल ग्रेटर नोएडा में सेक्टर बीटा-1 और एचपी सिंह गाजियाबाद के अटौर गांव के रहने वाले हैं।

ऐसे सामने आया मामला
ग्रेटर नोएडा सब रजिस्ट्रार कार्यालय में काम करने वाले वकीलों की छानबीन में यह मामला सामने आया है। बैनामा लेखक और रजिस्ट्रार कार्यालय की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने करीब एक साल पहले हिंडन और यमुना नदी के खादर क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त को लेकर कई नियम बनाए हैं। इन नियमों का पालन करने के लिए सब रजिस्ट्रार कार्यालयों को भेजा गया है। ग्रेटर नोएडा का सब रजिस्ट्रार कार्यालय डीएम के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। भ्रष्टाचार के जरिए खादर की जमीन की रजिस्ट्री की जा रही हैं। यह केवल 4 मामले उदाहरण भर के लिए हैं। सब रजिस्ट्रार ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में इस तरह की रजिस्ट्री की हैं।

जांच और कार्रवाई की मांग
वकीलों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई से मुलाकात की। इन लोगों ने कहा कि हिंडन और यमुना नदी के खादर क्षेत्रों में भूमाफिया सक्रिय हैं। गलत तरीके से रजिस्ट्री करवाई जाती हैं। यह सारा काम सब रजिस्ट्रार कार्यालय में अनाधिकृत रूप से काम करने वाले कुछ लोग करते हैं। वह मोटा पैसा लेकर रजिस्ट्री करवाते हैं। इस पूरे घोटाले की जांच होनी चाहिए। सब रजिस्ट्रार और उन्हें सहयोग करने वाले अनाधिकृत लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।

एडीएम और एआईजी को जांच दी
इस पूरे मामले को लेकर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई का कहना है कि उनकी ओर से जारी किए गए आदेश और उसमें निर्धारित मानदंडों का पालन सभी सब रजिस्ट्रार को करना चाहिए। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो यह गंभीर बात है। हमारा उद्देश्य हिंडन और यमुना नदी में अवैध रूप से हो रहे निर्माण को रोकना है। इस पूरे प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और एआईजी स्टाम्प को दी है। तीन दिनों में रिपोर्ट देंगे। एक्शन लिया जाएगा।

भूमाफिया ने किया गोलमाल
वकीलों ने बताया कि इस पूरे मामले में हिंडन खादर क्षेत्र के भूमाफियाओं की बड़ी भूमिका है। भूमाफिया ने खादर क्षेत्र में शामिल गाटा संख्या की लिस्ट से सूरजपुर के गाटा संख्या 779 को हटवा कर 18 फरवरी 2019 को एक पत्र जारी करवाया। यह पत्र ग्रेटर नोएडा के सदर सब रजिस्ट्रार को भेजा गया। इसी के आधार पर खादर क्षेत्र में रजिस्ट्री करने की अनुमति दी जानी थी। जब इस बात की जानकारी वकीलों को लगी तो छानबीन की गई। जिसके बाद सिंचाई विभाग में 3 नवंबर 2020 को एक और पत्र सब रजिस्ट्रार कार्यालय को भेजा। उसमें सूरजपुर के खादर में पड़ने वाले गाटा संख्या की सूची भेजी गई है। इस सूची में गाटा संख्या 779 को भी खादर क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है। लिहाजा, सब रजिस्ट्रार कार्यालय को बाद में आने वाली सूचना का उपयोग करना चाहिए था।

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