जेवर एयरपोर्ट की बदौलत यमुना अथॉरिटी की बल्ले-बल्ले : मुंह मांगी कीमत से ज्यादा दामों पर बिक गईं छोटी-छोटी दुकानें

Tricity Today | Dr. Arunvir Singh



Greater Noida : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की बदौलत यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) की बल्ले-बल्ले हो रही है। प्राधिकरण की हर स्कीम सुपर-डुपर हिट जा रही है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में छोटी-छोटी दुकानें व कियोस्क बेचने के लिए प्राधिकरण ने स्कीम लॉन्च की थी। अथॉरिटी को मुंह मांगी से भी 2 गुना ज्यादा कीमत मिली है। दूसरी तरफ रेजिडेंशियल स्कीम में एक भूखंड के मुकाबले 200 से ज्यादा लोग आवेदन कर रहे हैं।

यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक शहर के सेक्टर-18, सेक्टर-32 और सेक्टर-17ए में 5 कियोस्क आवंटित करने के लिए स्कीम लांच की गई थी। यह आवंटन ऑनलाइन बिल्डिंग के जरिए किया गया है। इन कियोस्क का क्षेत्रफल 7.15 वर्गमीटर से लेकर 9.59 वर्ग मीटर था। 9.59 वर्ग मीटर वाले कियोस्क की बोली 9,45,000 रुपये से आगे लगानी थी। इसके लिए उच्चतम बोली 21,07,000 रुपये लगी है। इसी श्रेणी के दूसरे कियोस्क लिए 30,87,000 रुपये बोली लगाई गई है। तीसरा कियोस्क 22,27,000 रुपये में बिका है।

इसी तरह 9.04 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले कियोस्क का रिजर्व प्राइस 8,93,000 रुपये निर्धारित किया गया था। यह कियोस्क 28,33,000 रुपये में सबसे बड़ी बोली लगाकर खरीदा गया है। 7.15 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले का रिजर्व प्राइस 7,06,000 रुपये निर्धारित किया गया था। इसके लिए सबसे बड़ी बोली 16,46,000 रुपये लगाई गई है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि शहर के सेक्टर-22डी में तीन कमर्शियल शॉप की स्कीम भी लांच की गई थी। इसका ऑप्शन भी हो गया है।

एक शॉप का रिजर्व प्राइस 35,79,373 रुपये रखा गया था। इसके लिए सबसे ऊंची बोली 71,79,373 रुपये आई है। दूसरी दुकान का रिजर्व प्राइस 34,58,991 रुपये था। इस दुकान के लिए सबसे बड़ी बोली 65,58,991 रुपये लगाई गई है। तीसरी दुकान के लिए रिजर्व प्राइस 35,79,373 था। इस दुकान के लिए सबसे ऊंची बोली 44,79,373 रुपये आई है। सीईओ कार्यालय ने बताया कि अब इन सफल बोली दाताओं के नाम आवंटन किया जाएगा। योजना की निर्धारित शर्तों के तहत इन लोगों को भुगतान करना होगा। कुल मिलाकर साफ है कि यमुना अथॉरिटी को नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का भरपूर लाभ मिल रहा है। प्राधिकरण भूखंड आवंटन की एवज में जितनी कीमत मांग रहा है, आवेदक उससे कहीं ज्यादा चुकाने के लिए तैयार हैं।

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