ग्रेटर नोएडा स्वीटी कुमारी एक्सीडेंट : मौत को मात देकर वापस लौटीं इंजीनियरिंग की छात्रा, इलाज पर खर्च हुए 20 लाख रुपए

Tricity Today | वापस लौटीं इंजीनियरिंग की छात्रा



Greater Noida : हादसे का शिकार हुई इंजीनियरिंग की छात्रा स्वीटी कुमारी मौत को मात देकर वापस लौट आईं है। अभी तक स्वीटी कुमारी के इलाज पर 20 लाख रुपए खर्च हुए है और अभी 20 लाख रुपए बचे है। अस्पताल के डॉक्टरों ने अभी स्वीटी कुमारी को चलने से मना किया है। उसके दोनों पैर में फ्रैक्चर है। उसके दोनों पैर में 6 स्थानों पर फ्रैक्चर आया है। स्वीटी अस्पताल से तो डिस्चार्ज हो गई, लेकिन अभी लंबा इलाज चलेगा।

क्या है पूरी घटना
आपको बता दें कि बीते 31 दिसंबर 2022 की देर रात 9:00 बजे एक सैंट्रो कार ने तीन छात्रों को टक्कर मार दी थी। हादसे के बाद राहगीरों ने छात्रों को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती करवाया। हादसे में तीनों छात्राओं को गंभीर चोट लगी हैं। बीटेक फाइनल ईयर की एक छात्रा स्वीटी कुमारी कोमा में चली गई थी। छात्रा के सिर और पैरों मे गंभीर चोट लगी हैं। वह आईसीयू में भर्ती थी। कुछ समय पहले वह आईसीयू से बाहर आ गई थी,  लेकिन अभी चल नहीं पाती है।

कोमा में जाने के बाद बदली स्वीटी की जिंदगी
कोमा से आने के बाद व्यक्ति अपनी पुरानी यादों को भूल जाता है, लेकिन एक हादसा इंसान को सोने नहीं देता है। ना जाने इस हादसे को भूलने के लिए स्वीटी कुमारी को कितना समय लगेगा। आने वाला समय शायद स्वीटी कुमारी के लिए बहुत कठिन भरा होगा। परिवार वालों का कहना है कि स्वीटी कुमारी के ठीक होने के बाद वह उसके अपने साथ अपने गांव बिहार लेकर चले जाएंगे।

इसके अलावा मैं कुछ नहीं चाहती हूं : स्वीटी कुमारी
स्वीटी कुमारी का कहना है, "आरोपी के पीछे भी उसकी बीवी-बच्चे होंगे। मैं नहीं चाहती कि उसको फांसी की सजा या उम्र कैद हो। मैं केवल इतना चाहती हूं कि आरोपी को अपनी गलती का एहसास हो जाए। उसको पता चल जाए कि उसकी इस गलती की वजह से एक परिवार बर्बाद हो गया है। इसके अलावा मैं कुछ नहीं चाहती हूं।"

दोस्त ने अस्पताल में निभाया परिजनों का फर्ज
जिस समय स्वीटी कुमारी को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करवाया, उस समय उसके कान में से खून बह रहा था। उसकी हालत काफी नाजुक थी। स्वीटी कुमारी की दोस्त आशीर्वाद ने अपने साथियों के साथ मिलकर अस्पताल में एडमिट करवाया। इस दौरान स्वीटी को कोई भी परिजन मौके पर मौजूद नहीं था। आशीर्वाद ने अस्पताल का फॉर्म खुद भरा और साइन किया। जानकारी मिलने के बाद स्वीटी कुमारी के अन्य सभी दोस्त और साथ पढ़ने वाले अस्पताल में पहुंचे। सभी ने दिन-रात मेहनत की और अपनी दोस्त की जान बचाने के लिए 40 लाख रुपए का इंतजाम किया।

GNIOT के निदेशक बोले- हमें अपने स्टूडेंट्स पर गर्व है
इस मामले में GNIOT के निदेशक धीरज गुप्ता का कहना है कि हमें अपने सभी विद्यार्थियों पर गर्व है। हमारे कॉलेज के बच्चों ने एक बड़ी लड़ाई लड़ी है। उन्होंने बताया कि स्वीटी इलेक्ट्रिक एंड कम्युनिकेशन में बीटेक कर रही है। बीते 6 जनवरी से उसका आखरी सेमिस्टर शुरू हो चुका है, लेकिन हालत ठीक नहीं होने की वजह से वह पेपर नहीं दे पाई। नियम सबके लिए बराबर है और वे नियमों में बंधे हुए हैं, लेकिन वह उसके बावजूद भी डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी को पत्र भेजकर स्वीटी कुमारी की मदद की मांग करेंगे।

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