Greater Noida News : देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन (UPSC) टॉप करने वाली इशिता किशोर गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा शहर की रहने वाली है। इशिता किशोर ने न केवल ग्रेटर नोएडा और गौतमबुद्धनगर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। इशिता किशोर शहर की जलवायु विहार हाउसिंग सोसाइटी में रहती है। उनके पिता वायु सेना में बड़े पद पर कार्यरत रहे हैं।
दिल्ली एयरफोर्स बाल भारती से की पढ़ाई
इशिता किशोर ने दिल्ली के एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से बारहवीं तक की पढ़ाई की है। वह मेधावी छात्रा थी, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की बारहवीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। जिसकी बदौलत उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में प्रवेश मिला था। श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक करने के बाद इशिता किशोर ने नामचीन कंपनी के लिए काम किया।
मेहनत और सहयोग की बदौलत यह कामयाबी मिली : इशिता किशोर
इशिता किशोर ने तीसरे प्रयास में यह शानदार उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा, "इस कामयाबी के लिए मेरी मां को बड़ा श्रेय जाता है। उनकी मेहनत और सहयोग की बदौलत मैंने आज यह उपलब्धि हासिल की है।" इशिता ने आगे कहा, "जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। उन्हें घबराने की कोई जरुरत नहीं है, मनोयोग और मेहनत के साथ लगातार काम करने से सफलता हासिल की जा सकती है।"
लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से पढ़ाई की
इशिता किशोर ने वर्ष 2014 में बारहवीं की परीक्षा पास की थी। इसके बाद वह लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स चली गई, वहां से वर्ष 2017 में इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन पूरा किया। इशिता ने घर पर रहकर ही सिविल सर्विसेज़ एग्जामिनेशन की तैयारी शुरू। उन्हें इस बार तीसरी मर्तबा यह कामयाबी मिली है। इशिता किशोर के पास ग्रेजुएशन में इकोनॉमिक्स के साथ पोलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन जैसे सब्जेक्ट थे।
पिता का हो चुका निधन, साथ खड़ी रही मां
इशिता किशोर राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल खिलाड़ी रह चुकी है। इससे उनके भीतर परिश्रम करने की क्षमता का पता चलता है। इशिता के पिता नहीं है, उनके पिता वायु सेना में काम करते थे। इशिता को अपने पिता की तरह किसी सरकारी सेवा में शामिल होकर देश के लिए काम करने की प्रेरणा मिली। इशिता को आगे बढ़ने के लिए उनकी मां ने प्रेरित किया है।
एक वक्त ऐसा आया और बदल गया जीवन
श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान से पढ़ने वाली इशिता किशोर ने अर्नेस्ट एंड यांग कंपनी के लिए भी काम किया है। वह अर्नेस्ट इंडियन में जोखिम सलाहकार के तौर पर काम कर रही थी इशिता कहती है, "एक वक्त आया, जब मुझे लगने लगा कि पिता की तरह देश के लिए कुछ बड़ा करने की जरूरत है। लिहाजा, मैंने नौकरी छोड़कर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने का मन बना लिया। मुझे पहली और दूसरी बार में कामयाबी नहीं मिली, लेकिन मैं पीछे नहीं हटी। यह मेरा थर्ड अटेम्पट था। इस बार मुझे पूरा भरोसा था कि मैं कामयाब हो जाउंगी। हालांकि, इस बात का कोई अनुमान नहीं था कि मैं आईएएस के लिए टॉप करूंगी।"