Farmers Made Seriuos Allegations Of Sit Formed For Greater Noida Leaseback Scam Said All The Officers Are Corrupt Mahapanchayat Will Be Held Soon
मनवीर भाटी ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट गांव-गांव जाकर किसानों को बांटी जाएगी। ग्रेटर नोएडा लीजबैक घोटाले की एसआईटी पर किसानों के गम्भीर आरोप, बोले- पूंजीपतियों ने अफसरों को खरीदा, महापंचायत का ऐलान
Tricity Today | ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में चर्चा करते किसान
ग्रेटर नोएडा में हुए लीजबैक घोटाले में जांच के लिए गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम पर किसान सेवा संघर्ष समिति ने गम्भीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में किसानों ने पत्रकार वार्ता की। किसानों ने एसआईटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि एसआईटी में शामिल अफसरों को पूंजीपतियों ने खरीदा है। जिन पूंजीपतियों ने अवैध रूप से लीज बैक पॉलिसी का लाभ उठाया, उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। दूसरी ओर अपनी पैतृक जमीन देकर शहर का विकास करने वाले किसानों की हत्या की जा रही है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। 20 दिसंबर को महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है।
किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने कहा, "पुणे, मुंबई और दिल्ली समेत बड़े महानगरों में रहने वाले पूंजीपतियों ने किसानों के साथ धोखाधड़ी करके जमीन खरीदी। इसके बाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से सांठगांठ करके 20 हजार वर्ग मीटर से 50 हजार वर्ग मीटर जमीन आबादी के नाम पर लीजबैक में हासिल की। इस घोटाले के खिलाफ किसानों ने आवाज उठाई, लेकिन प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। किसानों की ओर से इस मामले की शिकायत मौजूदा सरकार से की गई।
योगी आदित्यनाथ सरकार पर ईमानदारी का भरोसा था: किसानों का कहना है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों के दौरान किसानों को जमकर लूटा गया। गला घोटा गया। इस सरकार से उम्मीद थी कि न्याय होगा। योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों को सड़क पर नहीं आने देगी, लेकिन इस सरकार ने तो किसानों की हत्या कर दी है। एसआईटी की सिफारिश और रिपोर्ट को किसान सिरे से खारिज करते हैं। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे। किसानों ने एसआईटी में शामिल अफसरों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि अफसरों ने पूंजीपतियों से रिश्वत लेकर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में शासनादेश की खामियों का हवाला देकर पूंजीपतियों को क्लीनचिट दे दी गई है। दूसरी ओर किसानों के खिलाफ जानबूझकर पूरी रिपोर्ट तैयार की गई है।
किसानों का दावा- 10 हजार किसान परिवार बर्बाद हो जाएंगे: किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की इस रिपोर्ट से ग्रेटर नोएडा में 10 हजार किसान परिवार बर्बाद हो जाएंगे। किसानों ने सपा और बसपा सरकारों के शासनकाल में लंबा संघर्ष करके अपने हक हासिल किए थे। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा हासिल की थी। जिसे एक झटके में एसआईटी ने बर्बाद कर दिया है। एसआईटी ने किसानों के खिलाफ सिफारिशें की हैं। इनमें दो बार लीजबैक पॉलिसी का लाभ लेने वाले किसानों, एक बार लाभ लेने वाले किसान और अभी लाभ लेने का प्रयास कर रहे किसानों के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है।
20 दिसंबर को किसान महापंचायत का आयोजन करेंगे: किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट गांव-गांव जाकर किसानों को बांटी जाएगी। लीजबैक पॉलिसी से प्रभावित सभी 33 गांव में बुधवार से पंचायतों का दौर शुरू होगा। किसानों को सरकार की मंशा और एसआईटी की रिपोर्ट से अवगत करवाया जाएगा। इसके बाद 20 दिसंबर आयोजन होगा। उस महापंचायत में आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। किसानों का कहना है कि किसी भी सूरत में एसआईटी की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस आंदोलन के समांतर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से सूबेदार रमेश रावल, राजेंद्र प्रधान, अजब सिंह प्रधान, बिजेंद्र प्रधान, भगवत सिंह चौधरी, योगेंद्र प्रधान, ओमवीर नेताजी, पवन शर्मा और जगदीश खारी मोजूद रहे।