Greater Noida : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट यमुना फिल्म सिटी का एकबार फिर शनिवार को ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया गया है। इस बार भारत समेत एशिया, यूरोप और अमेरिका के देशों में यह टेंडर जारी किया गया है। आपको बता दें कि यह दुनिया की इकलौती फिल्म सिटी होगी, जहां ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अलग जगह दी जाएगी। यमुना फिल्म सिटी (Yamuna Film City) में बड़े पर्दे, टेलीविजन और ओटीपी को लेकर अलग-अलग सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
राज्य सरकार ने ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे अपनी फिल्म सिटी बनाने के लिए शनिवार को ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बोली लगाने के लिए अपने दस्तावेजों में कई बदलाव किए हैं। आपको बता दें कि फिल्म सिटी नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाद इस क्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजना है। यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के सेक्टर-21 में 1,000 एकड़ में बनने वाली फ़िल्म सिटी के लिए गुरुवार को राज्य मंत्रिपरिषद ने संशोधित निविदा एवं रियायत समझौता मसौदे को मंजूरी दी थी।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि शनिवार को प्रमुख भारतीय शहरों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर में एक नया वैश्विक टेंडर जारी किया गया है। यह विज्ञापन तीनों देशों के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया गया है। अरुणवीर सिंह ने आगे कहा, "पिछली निविदा की प्रतिक्रिया में कमी थीं। अब बोली दस्तावेज में कई बदलाव किए गए हैं। कंसेशन पीरियड और निर्माण योजना में बदलाव किए गए हैं। इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म और वीएफएक्स स्टूडियो जैसी नई संस्थाओं को अपने कार्यालय स्थापित करने की अनुमति दी गई है। यह दुनिया की इकलौती फिल्म सिटी होगी, जहां ओटीटी और वीएफएक्स को जगह दी जा रही है।"
आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर फिल्म सिटी का निर्माण प्रस्तावित है। सरकार ने पिछले नवंबर में एक रियायतग्राही को चुनने के लिए निविदा जारी की थी। बोली प्रक्रिया शुरू करने से पहले एक बैठक आयोजित की थी। जिसमें लगभग 20 कंपनियों ने भाग लिया था। इस साल जनवरी में राज्य कैबिनेट ने डीबीटी (डिजाइन, बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर) के आधार पर लागू होने वाले इस प्रोजेक्ट के टेंडर को मंजूरी दी थी। समय सीमा तीन बार बढ़ाई गई, लेकिन सिर्फ एक कंपनी ने आवेदन किया। आठ सदस्यीय सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) बोली मूल्यांकन समिति ने जुलाई में इस बोली को रद्द कर दिया। क्योंकि वह एक कम्पनी भी कंपनी आवश्यक दस्तावेज जमा करने और निविदा फॉर्म के साथ बयाना राशि जमा करने में विफल रही थी।
परियोजना में 5 व्यापक बदलाव किए गए हैं
इसके बाद निवेशकों, हितधारकों और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) से सुझाव लिए गए। इन सुझावों के आधार पर सरकार ने शर्तों में संशोधन करने का फैसला किया। कुल मिलाकर प्रोजेक्ट में पांच बड़े बदलाव किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं।
1. निवेशकों द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लेने के मुख्य कारणों में से एक रियायत अवधि पर केवल 40 साल की सीमा थी। इसे बढ़ाकर 60 साल कर दिया गया है। इसे 30 साल और बढ़ाने का प्रावधान है। मतलब, फिल्म सिटी डेवलप करने वाला प्राइवेट पार्टनर 90 वर्षों तक यहां कारोबार कर सकेगा।
2. एक और बड़ा बदलाव यह है कि राज्य सरकार परियोजना को डिजाइन करने से दूर हो रही है। अब छूटग्राही को अपने ढंग से पूरे प्रोजेक्ट को डिजाइन करने का अधिकार मिलेगा।
3. अनुमानित लागत को 10,000 करोड़ रुपये से संशोधित करके 7,210 करोड़ रुपये (भूमि पर खर्च घटाकर) कर दिया गया है।
4. परियोजना को सार्वजनिक-निजी-भागीदारी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। एक डेवलपर की तकनीकी, वित्तीय योग्यता और अनुभव आवश्यकताओं में भी संशोधन किए गए हैं।
5. परियोजना में ओटीटी और वीएफएक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों व प्लेटफॉर्म्स को अलग जगह देने का निर्णय लिया गया है।