Greater Noida : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 6 प्रतिशत आबादी के प्लॉट को उठाकर दूसरे गांव में लगाने का खेल खेला जा रहा है। प्राधिकरण का 6 प्रतिशत प्लॉट पूरी तरह माफिया के चंगुल में है। यह गैंग ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सक्रिय है। यह गैंग 6 प्रतिशत आबादी के प्लॉट लगवाने और शिफ्ट कराकर बेस्ट लोकेशन पर लगवाने का खेल करता है। इसमें अथॉरिटी के अफसर भी शामिल हैं। इसी तरह का खेल लीजबैक में भी हो रहा है। पूरानी आबादी बताकर जमीन को लीजबैक करवाकर बेस्ट लोकेशन पर लगवा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा शहर के नॉलेज पार्क-3 में इस तरह का ही खेल खेला गया।
इन 13 गांवों में हुआ बड़ा खेला
6 प्रतिशत आबादी के प्लॉट अवैध निर्माण की जड़ बन गए हैं। बगैर नक्शा पास कराए सैकड़ों गेस्ट हाउस, पीजी और होटल लोगों ने बनाकर खड़े कर दिए हैं। ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क-3 में दूसरे गांवों से प्लॉट उठाकर लगाए गए हैं। इस तरह का खेल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के हैबतपुर, इटेडा, पतवाडी, बिसरख, ऐमनाबाद, तुस्याना, हबीबपुर, रोजा जलालपुर, जलपुरा, मिलक लच्छी, खैरपुर गुर्जर, गुलिस्तानपुर और साकीपुर समेत कई गांवों में खेला गया है।
घोटाले में कंधे से कंधा मिलाकर चले दलाल और अधिकारी
सफीपुर के 6 प्रतिशत आबादी के प्लॉट पहले गुलिस्तानपुर में लगाए गए। इसके बाद उन प्लॉट को नॉलेज पार्क-3 में लगा दिया गया है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने परी चौक से जारचा तक 105 मीटर रोड बनाने के लिए 12 गांवों की जमीन खरीदी थी। इस जमीन के बदले में मिले प्लॉट को उठाकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के हैबतपुर समेत कई गांवों में बेस्ट लोकेशन पर लगा दिया गया। 6% आबादी के प्लॉट कमर्शियल और ग्रीन बेल्ट पर लगाए गए हैं। यह सारा खेल लैंड विभाग और प्लानिंग विभाग के अधिकारी और 6 प्रतिशत आबादी प्लॉट से जुड़े माफियाओं ने मिलकर खेला है। इस खेल में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के कई अधिकारी, दलाल और किसान नेता शामिल हैं।
13 गांव के किसान प्राधिकरण के चक्कर काट रहे
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बहती गंगा में खूब हाथ धोए हैं। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीदी और फिर उस जमीन की लीजबैक करवाकर प्लॉट को बेस्ट लोकेशन पर लगवाया। कई गांवों के किसानों को तो प्लॉट ही नहीं मिले। बाहर के अपात्र लोगों 6 प्रतिशत के आबादी के प्लॉट मिल गए हैं। इन गांवों के किसान अब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में चक्कर लगाते फिर रहे हैं।