Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले का मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह फरार है। उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके जमानत की मांग की है। हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस और सरकार से उसका आपराधिक इतिहास मांग लिया है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कार्यवाही थम सी गई है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक राजेंद्र सिंह को एक आईपीएस अफसर और पूर्व एमएलसी का संरक्षण मिल रहा है। पूर्व एमएलसी बहुजन समाज पार्टी का नेता है। आईपीएस अफसर के परिजन से निकट ताल्लुकात रखता है। इसी निकटता का फायदा पूर्व एमएलसी ने उठाया है और राजेंद्र सिंह का भी रिश्तेदार बताया जा रहा है।
घोटाले का खुलासा करने वालों को जान का खतरा
इस पूरे घोटाले का खुलासा सच सेवा समिति ट्रस्ट ने किया है। इस ट्रस्ट के सदस्यों को जान का खतरा बताया जा रहा है। खुद सामाजिक संगठन के सदस्य परेशान हैं। उनका कहना है कि तमाम तरह से दबाव बनाया जा रहा है। कभी पैसे का लालच दिया जा रहा है तो कभी जान का खतरा बताकर चुप बैठने की हिदायत दी जा रही है। कई-कई रिश्तेदारों को पीछे लगा दिया गया है। सच सेवा समिति के सदस्यों का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया। उसके बाद कार्यवाही रोक दी है। जिससे संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही है। घोटाले को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह फरार चल रहा है। उसे पुलिस पकड़ने में नाकाम है। इस मामले की जांच राज्य सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को सौंप रखी है। हाईपावर एसआईटी जांच कर रही है। एसआईटी की जांच भी 2 साल में पूरी नहीं हो पाई है।
राजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट से जमानत मांगी
मिली जानकारी के मुताबिक राजेंद्र सिंह ने प्रयागराज में डेरा जमा रखा है। वह पिछले करीब 2 सप्ताह से प्रयागराज में है। उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। उसकी याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई हुई। राज्य सरकार के वकील ने आपत्ति जताई। राजेंद्र सिंह का आपराधिक इतिहास बताया है। अदालत ने पुलिस और सरकार से आपराधिक इतिहास पेश करने को कहा है। अब इस मामले में 8 दिसंबर को सुनवाई होगी। आपको बता दें कि सच सेवा समिति की ओर से जिला न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। अदालत के आदेश पर इस भूमि घोटाले की जांच करने के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया गया। पुलिस ने थाना ईकोटेक-3 में पिछले साल एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में नामजद पांच आरोपी अग्रिम जमानत पर थे। तथ्य सामने आने पर एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी, राजेंद्र सिंह के बेटे दीपक सिंह और प्राधिकरण के कर्मचारी कमल चौहान 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। इनकी जमानत अर्जियां जिला न्यायालय ने खारिज कर दी हैं।