ग्रेटर नोएडा कुणाल हत्याकांड : दादरी विधायक तेजपाल नागर ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी से की बात, कहा- हत्यारों पर हो सख्त एक्शन

Tricity Today | तेजपाल नागर और कुणाल का फाइल फोटो



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में हुए व्यापारी के बेटे कुणाल शर्मा हत्याकांड में दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान से बातचीत की है। तेजपाल नागर ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने इस पूरे हत्याकांड को लेकर पुलिस से अपडेट मांगा। साथ में तेजपाल नागर ने कहा है, "आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। किसी भी सूरत में अपराधी बचने नहीं चाहिए। सबसे सख्त कदम अपराधियों के खिलाफ उठाएं और उनको दंडित करें।" 

पुलिस से पूछा यह सवाल
तेजपाल नागर ने बताया कि उन्होंने कुणाल शर्मा के अपहरण होने के बाद भी पुलिस से बातचीत की थी और सख्त कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, बाद में कुणाल शर्मा की लाश मिली। इसके बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को कॉल किया और इस मामले में अपडेट मांगा। तेजपाल नागर ने बताया कि पुलिस अधिकारियों से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अलावा जो भी इसमें जिम्मेदार है, उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। इसको लेकर वह लखनऊ में आवाज उठाने का काम भी करेंगे।

परिजनों को हर प्रकार की मदद दी जाएगी
तेजपाल नागर ने बताया कि अभी वह संगठन के सिलसिले से बाहर हैं। वापस आने के बाद वह कुणाल शर्मा के परिजनों से मुलाकात करेंगे और जो भी मदद होगी, उनको दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जहां पर यह हत्याकांड हुआ है, वह इलाका उनके विधानसभा में नहीं आता। फिर भी वह इसको लेकर पुलिस से लगातार बातचीत कर रहे है।

कब हुआ था अपहरण और मर्डर
बीटा-दो कोतवाली क्षेत्र में स्थित ऐच्छर सीएनजी पंप के पास से एक व्यापारी के 15 साल के बेटे कुणाल का बुधवार (1 मई 2024) दोपहर 2:45 बजे अपहरण हुआ था। दिनदहाड़े व्यापारी के बेटे का अपहरण हो गया और पुलिस को पता तक नहीं चला। व्यापारी के परिजनों ने अनहोनी की आशंका जाहिर की थी, फिर भी जिले के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी मजे से सोते रहे और इसका अंजाम अब परिजनों को भुगतना पड़ा है। अपहरण के पांच दिन बाद बच्चे की लाश बुलंदशहर में मिली। पुलिस दावा रहती है कि उनके पास बेहतर सुरक्षा व्यवस्था है और तमाम सीसीटीवी फुटेज लगे हुए हैं। उसके बावजूद भी बच्चे का अपहरण होने के बाद हत्या कर दी गई और पुलिस एक दाने तक की जांच नहीं कर पाई।

आरोपियों ने कैसे दिया वारदात को अंजाम
अपहरण की पूरी घटना एक सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जहां पर गाड़ी रुकी, वहां से कुछ दूरी पर एक दिव्यांग व्यक्ति पहले से खड़ा हुआ है। गाड़ी से उतरकर एक लड़की रेस्टोरेंट तक गई। वहां पर लड़की ने पनीर और रोटी का ऑर्डर दिया। उसके बाद अन्य ऑर्डर के लिए कुणाल को अपने साथ गाड़ी की तरफ लेकर चली गई। गाड़ी में एक तरफ दिव्यांग व्यक्ति और दूसरी तरफ लड़की ने कुणाल को कवर कर लिया। बीच में कुणाल को बैठाकर गाड़ी तेजी के साथ ले गए और इस तरीके से उसका अपहरण हो गया था। अपहरण के 5 दिन बाद लाश बुलंदशहर में मिली।

बड़े अफसरों की कोई जिम्मेदारी नहीं?
इस मामले में पुलिस कमिश्नरेट ने बीटा-दो के थाना प्रभारी मुनिंदर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। जबकि एसीपी सुशील गंगा प्रसाद को तलब किया गया। अब सवाल खड़ा होता है कि क्या इस मामले में एडिशनल डीसीपी और डीसीपी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। अगर किसी का अपहरण के बाद उसकी हत्या हो जाती है तो उच्च अफसरों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती या फिर उनको बचाना बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

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