भंडाफोड़ : नोएडा सीएमओ दफ्तर का कर्मचारी और एम्स का लैब टेक्नीशियन करवा रहे थे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, 4 गिरफ्तार

Tricity Today | इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 4 गिरफ्तार



ग्रेटर नोएडा पुलिस ने बुधवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के लिए जीवनदायी इंजेक्शन रेमडेसीविर की कालाबाजारी कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह के चार सदस्य पुलिस ने पकड़े हैं। पूछताछ के बाद खुलासा हुआ है कि दिल्ली के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Delhi) में कार्यरत लैब टेक्नीशियन और गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (Noida CMO Office) का कर्मचारी यह कालाबाजारी करवा रहे थे। यह दोनों फरार हैं। इन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस तलाश कर रही है।

ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चार लोग कैलाश अस्पताल के पास खाली जगह में मौजूद थे। यह लोग रेमडेसीविर इंजेक्शन कालाबाजारी करके बेच रहे थे। पुलिस को सूचना मिली और छापामारी की गई। मौके से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से हेटेरो कम्पनी के रेमडेसीविर इंजेक्शन मिले हैं। इनसे 49,600 रुपये जब्त किए गए हैं। यह पैसा इंजेक्शन की कालाबाजारी से अर्जित किया था। डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान कर ली गई है। इनमें एक शुभम गोयल बुलंदशहर के सिकंदराबाद कस्बे में चौधरीवाड़ा मोहल्ले का रहने वाला है। फिलहाल ग्रेटर नोएडा के रॉयल अपार्टमेंट सेक्टर सिगमा-4 में रह रहा है।

पुलिस ने चार कानूनों के तहत दर्ज किया मुकदमा
डीसीपी ने बताया कि दूसरा अभियुक्त वैभव शर्मा है। यह ग्रेटर नोएडा में तुगलपुर गांव का रहने वाला है। अभी सेक्टर अल्फा वन में रहता है। तीसरा शिवम शर्मा ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ईटा-2 में रहता है और योगेंद्र सिंह बुलंदशहर में अहमदगढ़ थाना क्षेत्र के मुरादनगर गांव का रहने वाला है। योगेंद्र भी अभी सेक्टर डेल्टा टू में रहता है। चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जिला न्यायालय में पेश किया गया। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम की धारा 10, 18ए, 27, 96, महामारी अधिनियम की धारा 3 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 52 व 53 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। न्यायालय ने चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

एम्स का लैब टेक्नीशियन और सीएमओ दफ्तर का कर्मचारी फरार
डीसीपी ने बताया कि इस गिरोह का सहयोग दिल्ली में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत टेक्नीशियन सुमित और गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी विकास कौशिक कर रहे थे। इन दोनों की मदद से यह गिरोह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रेमडेसीविर इंजेक्शन बड़ी कीमत पर बेच रहे थे। यह दोनों कर्मचारी अभी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। जल्दी गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा।

गिरोह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी
पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ गैंगेस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। थाना सेक्टर बीटा-2 पुलिस को आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में कोविड-19 के लिए इस्तेमाल की जा रही दवाओं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले लोगों पर गैंगस्टर अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। डीसीपी ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी। शहर में जहां कहीं भी दवाओं की कालाबाजारी के बारे में जानकारी मिलेगी तत्काल एक्शन होगा।

 

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