Greater Noida : सेमीकंडक्टर और चिप उद्योग के उत्पादन, टेस्टिंग और रिसर्च और विकास से जुड़ा तीन दिवसीय आयोजन सेमीकॉन इंडिया 2024 का शुक्रवार को समापन हो गया। कई देशों की दिग्गज कंपनियों के यहां आने से न सिर्फ भारत में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आने वाले सालों में भारत सेमीकंडक्टर उद्योग का हब भी बनेगा। गुजरात के बाद अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरफ सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ी कंपनियों ने रुख करना शुरू कर दिया है।
मोहाली से हुई थी शुरुआत
1980 के दशक में मोहाली में सेमीकंडक्टर कॉम्प्लेक्स लिमिटेड की स्थापना के बाद से भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग लगातार बढ़ा है। COVID-19 महामारी ने पूरे विश्व के सामने चिप की कमी की समस्या खड़ी कर दी थी। जिसने उद्योगों में सेमीकंडक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका को पर जोर दिया। इसके साथ विश्व के तमाम देश जो तकनीकी रूप से उन्नत हैं, उन्होंने चिप उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाए। भारत ने भी इस दिशा में तेजी से काम किया।
कई प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियां करेगी भारत में निवेश
कोविड के दौरान इस कमी के 2024 की शुरुआत तक रहने की उम्मीद थी। इस जरूरत को समझते हुए अधिकांश देशों ने घरेलू सेमीकंडक्टर उत्पादन को मजबूत करने की दिशा में कार्य किया। आत्मनिर्भरता के महत्व को समझते हुए, भारत भी ग्लोबल सेमीकंडक्टर लीडर को आकर्षित करने और स्थानीय उत्पादन का समर्थन करने के प्रयासों में तेजी ला रहा है। सरकार के प्रयासों ने पहले ही फल देना शुरू कर दिया है, कई प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियों ने भारत में निवेश की घोषणा की है।
छह माह पहले आया बड़ा निवेश
13 मार्च को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। जिसमें सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अमेरिका स्थित माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में 2.75 बिलियन डॉलर की सेमीकंडक्टर उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ एमओयू साइन किया था।
पहली 'मेड इन इंडिया' चिप दिसंबर 2024 तक आएगी
ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (PSMC) ने गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी की है। पहली 'मेड इन इंडिया' चिप दिसंबर 2024 तक बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिसमें माइक्रोन प्लांट इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
भारतीय बाजार में आएगी तेजी
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर बाजार 2028 तक 25 प्रतिशत की compound annual growth rate (CAGR) से बढ़ेगा। यह वृद्धि छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मांग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बढ़ने और एडवांस उपभोक्ता प्रोजेक्ट के बढ़ने के कारण होगी।