Greater Noida News : दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले की जांच चल रही है। वर्ष 1971 में जो भूमि पट्टे आवंटित किए गए थे, उन भूमि पट्टों को संक्रमणीय घोषित करने में जिन अधिकारियों मिलीभगत थी, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उसी गांव में 1971 में जो भूमि पट्टे आवंटित किए गए थे और उन पट्टों को 2019 में दादरी के तत्कालीन एसडीएम ने नियम विरुद्ध 2 फरवरी 2019 में संक्रमणीय घोषित कर दिया। यह कार्य भी जांच का विषय है। यह बात समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष श्याम सिंह भाटी एडवोकेट ने कही है।
वर्ष 1971 के पट्टे 2019 में कैसे संक्रमणीय हुए
श्याम सिंह भाटी खुद चिटहेरा गांव के निवासी हैं। उन्होंने प्रेस बयान में कहा है कि जो भूमि पट्टे 1971 से 2018 तक संक्रमणीय नहीं हो पाए, वह 2019 में एसडीएम दादरी ने किसके दबाव में आकर संक्रमणीय घोषित कर दिए। वहीं, दूसरी तरफ गांव में 1971 में भी कुछ आवासीय पट्टे आवंटित किए गए थे, जिनका राजस्व में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इस जमीन पर लोगों ने मकान बना लिए हैं लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों का इन पट्टों की तरफ आज तक भी ध्यान नहीं गया है।
एक तरह के अपराध में दो तरह की जांच क्यों
उन्होंने कहा कि जांच में कुछ लोगों को बचाने की कोशिश प्रशासन कर रहा है। एक तरह के अपराध में दो तरह की जांच क्यों हो रही है। यह सबसे बड़ा सवाल है। श्याम सिंह भाटी का कहना है कि यदि जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करते हैं तो इस पूरे मामले की शिकायत उच्चस्तरीय अधिकारियों से की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।