Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में करीब 100 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन हुआ है, जो जांच कर रही है। इस मामले में सूचना मिल रही है कि आगामी 48 घंटे के भीतर जिले में एक बार फिर एसआईटी टीम आ सकती हैं। राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। कमेटी में एडीजी जोन मेरठ और कमिश्नर मेरठ भी शामिल हैं।
क्या है मामला
दरअसल, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण क्षेत्र के तुस्याना गांव में वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक भूमाफियाओं के गठजोड़ ने सरकारी जमीन हड़प ली। करीब 100 एकड़ जमीन कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत से अपने नाम कर ली गई। इसमें राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल रहे। ग्राम पंचायत से ताल्लुक रखने वाले पदाधिकारी भी इस घोटाले में शामिल बताए जा रहे हैं। इसके बाद जमीन ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को बेच दी गई। प्राधिकरण से करीब 100 करोड रुपए मुआवजा ले लिया गया।
ग्रामीणों की शिकायत पर हुआ खुलासा
कुछ ग्रामीणों ने वर्ष 2018 के आखिर में तत्कालीन जिलाधिकारी बीएन सिंह से इस मामले की शिकायत की। बताया कि भूमाफिया ने सरकारी जमीन का मुआवजा अथॉरिटी से उठाया है। जिलाधिकारी ने मामले में जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में ग्रामीणों की शिकायतों को सही पाया गया है। वर्ष 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने रिपोर्ट शासन को कार्यवाही के लिए भेजी थी। जिसके बाद इस मामले में शासन ने एक हाईपावर कमेटी का गठन किया है।
रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में बनी जांच समिति
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के गांव तुस्याना में खाता संख्या 1104, 480, 1106 और 1105 में सरकारी भूमि निहित थी। इस सरकारी भूमि को भूमाफियाओं ने हड़प लिया और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से 100 करोड़ रुपए का मुआवजा उठाया गया है। इस मामले में राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में एक हाईपावर जांच समिति गठित की गई है। मेरठ के मंडलायुक्त और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह व मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सब्बरवाल को समिति का सदस्य बनाया गया था।