Greater Noida News : करोड़ो रुपये के बाइक बोट घोटाले के आरोपियों पर दर्ज केस की संख्या अब 100 के पार पहुंच चुकी है। अब तक ईओडब्लयू EOW मेरठ (आर्थिक अपराध शाखा) कोतवाली दादरी में दर्ज 94 केस की जांच कर रही थी। इसके बाद एक के बाद दर्ज किए गए 22 केस समेत कुल 116 केस की जांच अब ईओडब्ल्यू मेरठ ने शुरू कर दी है।
ईओडब्लयू ने 50 से अधिक केसों में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिये हैं। देश के अलग-अलग शहरों में अभी भी बड़ी संख्या में पीड़ित घोटाले के आरोपियों पर केस दर्ज करवा रहे हैं। कई पीड़ितों ने आरोपियों पर केस दर्ज कराने के लिए गौतमबुद्घ नगर व अन्य प्रदेशों के जनपदों की अदालतों का दरवाजा भी खटखटाया है।
यह था बाइक बोट घोटाला
गाजियाबाद-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोतवाली दादरी क्षेत्र के कोट गांव में (GIPL) गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी दफ्तर खोलकर देश के हजारों सैनिकों, पूर्व सैनिकों के अलावा लाखों लोगों को बाइक बोट स्कीम में पैसा लगवाकर मुनाफे का लालच देकर ठगी का शिकार बनाया था। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर शुरूआत से ही केस दर्ज करने में टाल मटौल किया था। अभी भी सैंकड़ों पीड़ित आरोपियों पर केस दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं। केस दर्ज होने में हो रही परेशानी के चलते पीड़ित या तो अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं या फिर अपने-अपने प्रदेश व शहरों में केस दर्ज करा रहे हैं।
ईओडब्लयू मेरठ से जानकारी मिली है कि दादरी में बाद में दर्ज किए गए 22 केस भी अब उन्हें स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इन केसों की भी जांच शुरू कर दी गई है। एसपी EOW (मेरठ) स्वप्निल ममगई ने बताया है कि बाइक बोट फर्जीवाड़े में दादरी से स्थानांतरित होकर आए सभी केसों की जांच की जा रही है। कई केसों में चार्जशीट भी दाखिल की गई है। इस मामले में अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस मामले में अभी मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल समेत 4 आरोपी फरार हैं। जिसको अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस अब तक दीप्ती बहल, लोकेन्द्र, भूदेव और बिजेंद्र हुड्डा को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बिजेंद्र हुड्डा इस समय भारत से बाहर है। इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका है।
बाइक बोट के दफ्तर से बिजली विभाग ने उतरवाया ट्रांसफार्मर
दादरी के कोट गांव स्थित बाइक बोट के दफ्तर पर बिजली का कनेक्शन लेने के बाद बिल का भुगतान नहीं किया गया था। जेई राजकुमार ने बताया कि कई लाख रुपये का बिल बकाया होने के कारण ट्रांसफार्मर उतारा गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि कनेक्शन पीडी (परमानेंट डिस्कनेक्ट) पहले ही कर दिया गया था। अब बिजली विभाग ने अपना ट्रांसफार्मर भी यहां से उतरवाकर जब्त कर लिया है। जेई ने बताया कि GIPL कंपनी की तरफ से बिजली का कनेक्शन लेने के बाद अब तक एक बार भी बिल जमा नहीं किया गया था।