ग्रेटर नोएडा: जहां एक तरफ प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही पर कार्यवाही कर रही है वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा में एसीपी द्वारा की गई जांच में दोषी पाए गए दरोगा को इनाम के रूप में मिला चौकी इंचार्ज का पद। जनपद में सीपी लक्ष्मी सिंह के द्वारा भ्रष्टाचारियों व लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। ऐसे में एसीपी की जांच में "डाउबफुल इंटीग्रिटी" वाले दरोगा को चौकी सौपना सीपी के निर्देशों का उल्लघंन ही कहा जा सकता है।
क्या है पूरा मामला
मार्च 2022 में थाना दादरी पुलिस को बाइक काटने संबंधित प्राप्त सूचना पर थाना दादरी की एसओजी टीम के द्वारा मौके से बाइक काटते हुए स्लेमु को गिरफ्तार किया गया था। स्लेमु के दो अन्य साथी समीर व जाफर मौके से फरार होने में कामयाब रहे थे। एसओजी टीम के द्वारा स्लेमु व रहीसुद्दीन नामक व्यक्ति को थाना दादरी पर ले जाकर 04 दिनों तक पुलिस कस्टडी में रखा था। 04 दिनों के उपरांत 88 हजार रुपए का लेनदेन कर सीआरपीसी 151 की कार्यवाही कर छोड़ दिया गया था। मामले की जांच तत्कालीन एसीपी नितिन कुमार सिंह के द्वारा की गई थी।
एसीपी की जांच में पाए गए दोषी
तत्कालीन एसीपी दादरी नितिन कुमार सिंह के द्वारा की गई जांच में उपनिरीक्षक विशाल गुप्ता, आरक्षी विवेक कुमार, आरक्षी धीरज कुमार, आरक्षी सोहनवीर को दोषी पाया गया था। 15 अक्टूबर 2022 को डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा के द्वारा पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया कृत्य स्वेच्छाचारिता, अकर्मण्यता व लापरवाही का घोतक बताते हुए परिनिंदा की गई थी। एसीपी नितिन कुमार के द्वारा की गई जांच को प्रारंभिक जांच की मान्यता प्रदान की गई थी।
नहीं हुई कोई कार्यवाही
उपनिरीक्षक विशाल गुप्ता, आरक्षी विवेक कुमार, आरक्षी धीरज कुमार, आरक्षी सोहनवीर को दोषी पाए जाने के उपरांत आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उपनिरीक्षक विशाल गुप्ता को चौकी प्रभारी कोट दादरी के पद पर तैनात किया गया है। अन्य सभी आरक्षी थाना दादरी पर तैनात है।