नोएडा एयरपोर्ट की साइट पर : 111 नीलगायों को निकालने के लिए 300 एनिमल रेस्क्यू एक्सपर्ट्स लगे, कुल 6 दिनों का समय

Google Photo | नोएडा एयरपोर्ट की साइट



Greater Noida News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों से वन्यजीवों को हटाना वन विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। खासतौर पर नीलगायों की बढ़ती संख्या इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा है। वन विभाग ने 21 अक्टूबर से जानवरों को हटाने का काम शुरू किया, लेकिन अब तक केवल 5 हिरण  को ही बाहर निकाला गया है। आगामी 30 अक्टूबर तक सभी जानवरों को हटाने का लक्ष्य है, लेकिन इस समय सीमा को पूरा करना मुश्किल साबित हो रहा है।

नीलगायों की समस्या और वन विभाग की रणनीति
सबसे बड़ी समस्या नीलगायों की है, जो बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं। इन्हें पकड़कर दूसरी जगह छोड़ा जाता है, लेकिन कुछ ही समय बाद दूसरी नीलगायें फिर से इस क्षेत्र में आ जाती हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए वन विभाग ने लगभग 300 एनिमल रेस्क्यू एक्सपर्ट्स को नियुक्त किया है। बावजूद इसके पुनर्वास केंद्र न होने के कारण इन जानवरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना और उन्हें बसाना मुश्किल हो रहा है।

ड्रोन और मशीनों की मदद से हो रही निगरानी
वन विभाग की टीम इस क्षेत्र में जानवरों की गिनती और निगरानी ड्रोन और अन्य आधुनिक मशीनों के जरिए कर रही है। अब तक की गई गणना में 111 जानवरों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जिनमें ज्यादातर नीलगायें शामिल हैं। हालांकि, टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जानवरों को जल्द से जल्द हटाया जाए ताकि एयरपोर्ट संचालन के लिए आवश्यक एनओसी मिल सके।

एयरपोर्ट संचालन के लिए जरूरी एनओसी
वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 30 अक्टूबर तक सभी जानवरों को हटाने के बाद 29 नवंबर से पहले एक एजेंसी पूरे इलाके का सर्वे करेगी। सर्वे में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एयरपोर्ट परिसर में अब कोई वन्यजीव मौजूद न हो। इसी रिपोर्ट के आधार पर एयरपोर्ट के संचालन के लिए एनओसी जारी की जाएगी। 

डीएफओ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का बयान
डीएफओ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल जू अथॉरिटी को तीन महीने पहले ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेजी जा चुकी है। जानवरों को जंगल में छोड़ने का काम तेजी से किया जा रहा है, लेकिन यह प्रक्रिया उम्मीद से अधिक जटिल हो रही है। वन विभाग की टीम पूरी कोशिश में लगी है कि समयसीमा के भीतर एयरपोर्ट परिसर को खाली किया जा सके।

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