स्पेशल रिपोर्ट : जेवर एयरपोर्ट ने 8 जिलों में भाजपा को जिताईं 41 सीट, योगी-मोदी के डेवलपमेंट मॉडल पर जनता की मुहर

Tricity Today | पीएम मोदी और सीएम योगी



Greater Noida News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का असर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) पर देखने के लिए मिला है। यमुना एक्सप्रेसवे (Yamunaa Expressway) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जिन 8 जिलों को छूते हैं, वहां भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने बंपर जीत हासिल की है। इन 8 जिलों की 42 विधानसभा सीटों में से 41 भारतीय जनता पार्टी की झोली में गई हैं। केवल एक सीट पर राष्ट्रीय लोकदल को कामयाबी मिल पाई। खास बात यह है कि इन सारी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत का अंतर भी बढ़ गया है। इतना ही नहीं इन सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कई दिग्गज नेता हार गए हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा जिलों को आपस में जोड़ता है। जेवर में बन रहा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा गौतमबुद्ध नगर जिले में है और गाजियाबाद व हापुड़ जिलों को प्रभावित करता है। दरअसल, यह दोनों जिले गौतमबुद्ध नगर के सीमावर्ती हैं। बुलंदशहर और अलीगढ़ भी सीमावर्ती हैं। इन 8 जिलों में 42 विधानसभा सीट हैं। जिनमें से 41 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने कामयाबी हासिल की है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मिलकर इस परियोजना पर तेजी से काम किया, उससे आम आदमी बड़ा प्रभावित हुआ है। इन जिलों में लोग खुद को जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़ा मानते हैं। इस भावना का बड़ा लाभ भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिला है।

ग्रेटर नोएडा में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) के निदेशक डॉ.हरिवंश चतुर्वेदी का कहना है, "योगी और मोदी की सरकारें केंद्र-राज्य में एकसाथ हैं। इसका भरपूर उपयोग योगी आदित्यनाथ ने किया है। जेवर में अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने का 20 साल पुराना प्रोजेक्ट धरातल पर आया है। इस प्रोजेक्ट से करीब 150 किलोमीटर के दायरे में लोगों सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। इसका सकारात्मक असर आसपास के जिलों में है। आम आदमी मानकर चल रहा है कि यह लोग हवाईअड्डा परियोजना को पूरा कर सकते हैं। अगर प्रदेश या केंद्र में सरकार बदली तो प्रोजेक्ट फंस सकता है। यही वजह रही कि गाजियाबाद से लेकर गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा जिलों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा है।"

वरिष्ठ पत्रकार शम्भूनाथ शुक्ला ने कहा, "बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ से ज्यादा जाट मथुरा, अलीगढ़, आगरा, हाथरस में हैं। इसके बावजूद भाजपा ने वेस्ट यूपी के ऊपरी हिस्से (बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ) में खराब और इस निचले हिस्से में शानदार प्रदर्शन किया है। इसके पीछे एक बड़ी वजह विकास योजनाएं हैं। जेवर एयरपोर्ट तो मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। इसके अलावा पिछले पांच वर्षों में यमुना एक्सप्रेसवे पर और कई बड़े प्रोजेक्ट आए हैं। दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन, आगरा मेट्रो, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, गाजियाबाद-हापुड़-मुरादाबाद हाईवे का विकास, गाजियाबाद-बुलंदशहर-अलीगढ़ हाईवे का विकास और गंगा एक्सप्रेसवे ने इन सारे जिलों में कमाल का असर डाला है। यह भाजपा की इस पूरे इलाके में कामयाबी के पीछे बड़ी वजह है।

किस जिले में भाजपा ने कौन सी सीट जीती हैं

गौतमबुद्ध नगर : नोएडा, दादरी, जेवर
गाजियाबाद : साहिबाबाद, लोनी, गाजियाबाद, मोदीनगर, मुरादनगर
हापुड़ : धौलाना, हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर
बुलंदशहर : खुर्जा, सिकंदराबाद, स्याना, अनूपशहर, शिकारपुर, डिबाई, बुलंदशहर
अलीगढ़ : अतरौली, बरौली, खैर, छर्रा, अलीगढ़, कोइल, इगलास
हाथरस : सिकंदराराऊ, हाथरस
मथुरा : छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव
आगरा : एत्मादपुर, आगरा छावनी, आगरा उत्तर, आगरा दक्षिण, आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खैरागढ़, फतेहाबाद, बाह

विपक्ष के दिग्गज हारे, भाजपा यह सीट हारी
जेवर हवाईअड्डे का असर यह रहा कि इन आठ जिलों में भारतीय जनता पार्टी केवल एक सीट हारी है। यह हाथरस की सादाबाद सीट है। यहां से रालोद के प्रदीप चौधरी गुड्डु ने भाजपा के राम वीर उपाध्याय को शिकस्त दी है। दूसरी और मथुरा जिले की मांट सीट से लगातार सात बार विधायक रहे बहुजन समाज पार्टी के श्याम सुंदर शर्मा चुनाव हार गए हैं।

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