Greater Noida News : गौतम बुद्ध नगर के घोड़ी बछेड़ा गांव में आज अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा आयोजित जनसभा में हजारों किसान, महिला एवं पुरुष, एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए संकल्पबद्ध हुए। पंचायत का आयोजन 10% प्लॉट की मांग को लेकर किया गया, जिस पर किसानों में लंबे समय से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों ने हाई पावर कमेटी की सिफारिशों के सार्वजनिक होने के बाद 10% के मुद्दे को लेकर प्राधिकरण पर दबाव बनाने का निश्चय किया है।
आंदोलन रहा सफल
किसान सभा के जिला अध्यक्ष, डॉ. रुपेश वर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि “हमारा आंदोलन दो चरणों में पूरी तरह सफल रहा है। किसान सभा ने पहले प्राधिकरण बोर्ड से प्रस्ताव पास करवाया और उसके बाद कमेटी से सिफारिशें मांगी। अब 10% प्लॉट के मुद्दे पर हम तब तक संघर्ष करते रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।” जिला महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा, “गौतम बुद्ध नगर के सभी किसान संगठन एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार हैं। इस बार हजारों किसान आंदोलन में शामिल होंगे और इसे उसके अंतिम परिणाम तक लेकर जाएंगे।”
अंतिम परिणाम तक चलेगा संघर्ष
जिला सचिव संदीप भाटी ने बताया कि “हमारा हर आंदोलन अब तक सफल रहा है। हाल ही में कलेक्ट्रेट पर संपन्न हुए आंदोलन में भी हम अपनी मांगें मनवाने में सफल रहे हैं, जिसमें सरकार को झुकते हुए कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना पड़ा।”डॉ. रुपेश वर्मा, जिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा, गौतम बुद्ध नगर, ने कहा कि “यह आंदोलन तभी समाप्त होगा जब 10% प्लॉट की हमारी मांग पूरी हो जाएगी। किसानों की एकजुटता से यह संघर्ष अपने अंतिम परिणाम तक जाएगा।”
हाई पावर कमेटी की भूमिका पर उठे सवाल
जनसभा की अध्यक्षता सतपाल खारी ने की और संचालन निशांत रावल ने किया। किसान सभा के जिला सचिव निशांत रावल ने कहा कि “घोड़ी गांव की किसान सभा पूरी तरह तैयार है। बिना 10% प्लॉट के हम चैन से नहीं बैठेंगे।” उन्होंने सरकार को अपनी सिफारिशें देने वाली हाई पावर कमेटी की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
ये लोग रहे उपस्थित
इस महापंचायत में अनेक किसान नेता, जैसे अशोक भाटी, सतीश यादव, वीर सिंह नागर, भोजराज रावल, अजय पाल भाटी, जोगिंदर प्रधान, अजब सिंह नेताजी, विनोद भाटी, और दुष्यंत सैन ने भी अपने विचार रखे। इस पंचायत में महिलाओं की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही। जग्गो देवी, राजकुमारी देवी, प्रेमवती देवी, कुसुम देवी, कमला देवी, और कई अन्य महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से इस आंदोलन में जोश भरा।