ग्रेटर नोएडा तहसीलदार मारपीट मामला : वकीलों ने डीएम सुहास एलवाई से मांगी मदद, कहा- हम माफी मांगने को तैयार

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Greater Noida : कलेक्ट्रेट बार के वकीलों ने बीते दिनों तहसीलदार के साथ जमकर मारपीट की थी। इस मामले में तहसीलदार की शिकायत पर वकीलों पर कार्रवाई की जा रही है। अब वकीलों ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई से मिलकर मदद की मांग की है। कलेक्ट्रेट बार के वकील अपनी गलती मानने के लिए तैयार हैं और समझौता करने के लिए कहा है, लेकिन डीएम सुहास एलवाई ने वकीलों से कहा कि इस बात का फैसला तहसीलदार करेंगे कि उनको कार्रवाई करनी है या नहीं।

वकीलों ने मांगी माफी
सोमवार को वकीलों ने सूरजपुर मुख्यालय में सुहास एलवाई से मुलाकात की। वकीलों ने डीएम से कहा कि वह अपनी गलती मानने के लिए तैयार हैं और समझौता करने की मांग कर रहे हैं। इस पर सुहास एलवाई ने कहा कि समझौता करना या आरोपियों पर कार्रवाई करने का फैसला तहसीलदार का होगा। उन पर प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। सुहास एलवाई ने आगे कहा कि तहसीलदार को फैसला लेना है कि उनको क्या करना है। तहसील लेवल के सभी अधिकारी तहसीलदार के साथ रहेंगे। इस पर वह किसी पर दबाव नहीं बना सकते।

क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि बीते 18 जून को किसी मुकदमे में पैरवी करने को लेकर वकील तहसीलदार के न्यायालय में पहुंचे थे। उसी दौरान किसी बात को लेकर बहस शुरू हुई और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। इस दौरान वकीलों के एक गुट ने तहसीलदार के साथ बुरी तरह मारपीट की और उनके कपड़े तक फाड़ डाले। इस दौरान तहसीलदार के न्यायालय में मौजूद कर्मचारी जान बचाकर भाग गए। शोर-शराबा सुनकर तहसील परिसर में मौजूद कुछ कर्मचारी और सामान्य लोग मौके पर पहुंचे। तहसीलदार को हमलावरों से छुड़ाया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए हैं।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर
1. अधिवक्ता अनिल भाटी पुत्र विजय पाल सिंह, निवासी कैलाशपुर, ग्रेटर नोएडा
2. विनय चपराणा पुत्र चंद्रपाल चपराणा, निवासी लखनावली, ग्रेटर नोएडा
3. अजहरुद्दीन सैफी पुत्र जुम्मा, निवासी हबीबपुर, ग्रेटर नोएडा 
4. उज्जवल भाटी पुत्र अनिल भाटी, निवासी कैलाशपुर, ग्रेटर नोएडा 
5. तुषार भाटी पुत्र अनिल भाटी, निवासी कैलाशपुर, ग्रेटर नोएडा
6. ठाकुर विजेंद्र सिंह, सिकंदराबाद, बुलंदशहर

 इन धाराओं में दर्ज की गई एफआईआर
आईपीसी 147 (भीड़ में शामिल होकर हिंसा करना)
आईपीसी 148 (हमराय होकर उपद्रव करना)
आईपीसी 353 (लोक सेवक को भयाक्रांत करना)
आईपीसी 332 (लोक सेवक को गंभीर चोट पहुंचाना)
आईपीसी 323 (किसी को जानबूझकर चोट पहुंचाना)
आईपीसी 504 (किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करना)
आईपीसी 506 (जान से मारने की धमकी देना)
आईपीसी 307 (जानलेवा हमला करना)
आईपीसी 427 (संपत्ति की हानि पहुंचाना)

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