Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए 14 वर्षों के इंतजार के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की औद्योगिक भूखंड आवंटन नीति एक समान होने जा रही है। इस प्रक्रिया में नोएडा प्राधिकरण ने सभी सुझाव एकत्रित कर रिपोर्ट तैयार की है। जिसे मुख्य सचिव को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि यह नीति जल्द ही स्वीकृत हो जाएगी।
नीति में सुधार से निवेशकों को मिलेगा लाभ
इस पहल का उद्देश्य जिले में आने वाले निवेशकों के सामने नीति को लेकर कोई दुविधा नहीं छोड़ना है। एक समान नीति से पात्रता मानदंड, पट्टे की शर्तें, किराया संरचना और औपचारिकताओं में स्पष्टता आएगी। यह प्रयास 2010 में शुरू हुआ था, जब तीनों प्राधिकरणों की नीति में समानता लाने के लिए सार्क एंड एसोसिएट्स द्वारा 35 अध्यायों और 104 पृष्ठों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई थी।
कंसोर्टियम बनाने की अनुमति
दस हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक के बड़े भूखंडों के आवंटन के लिए पांच कंपनियों का कंसोर्टियम बनाया जा सकेगा। मुख्य सदस्य को 51 प्रतिशत और अन्य सदस्यों को न्यूनतम 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखनी होगी। कंसोर्टियम को एक समझौता (एमओए) तैयार करना होगा। जिसमें सभी सदस्यों की भूमिका और वित्तीय जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से दर्ज हों।
8 हजार वर्ग मीटर तक के प्लॉट की ई-नीलामी
आठ हजार वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी होगी। तकनीकी प्रस्तावों का मूल्यांकन स्क्रीनिंग समिति करेगी। जिसमें 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले आवेदन ही पात्र माने जाएंगे। यदि किसी भूखंड के लिए तीन या अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं तो ई-नीलामी होगी। तीन से कम आवेदन होने पर आवेदन प्रक्रिया को दो बार सात-दिन के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
8 हजार वर्ग मीटर से बड़े भूखंड साक्षात्कार से होंगे आवंटित
आठ हजार वर्ग मीटर से अधिक के भूखंडों के लिए स्क्रीनिंग समिति साक्षात्कार प्रक्रिया अपनाएगी। पात्रता मानदंडों के अनुसार 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले आवेदक ही भूखंड के लिए पात्र होंगे। सर्वाधिक योग्य और उच्चतम अंकों वाले आवेदक को भूखंड आवंटित किया जाएगा। समय पर भुगतान न करने पर आवंटी की पंजीकरण राशि जब्त कर ली जाएगी।
एक लाख वर्ग मीटर तक के प्लॉट के लिए जरूरी होगा वित्तीय प्रमाणपत्र
एक लाख वर्ग मीटर तक के भूखंड के लिए आवेदकों को 30 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति और उससे बड़े भूखंडों के लिए 60 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। यह मानदंड आर्थिक रूप से सक्षम निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाए गए हैं।