गौतमबुद्ध नगर समाजवादी पार्टी में मची खलबली : उपदेश नागर और संजीव नागर को बर्खास्त करने के बाद जिलाध्यक्ष समेत 9 पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



Greater Noida News : दो दिनों पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने गौतमबुद्ध नगर समाजवादी पार्टी के 2 नेता उपदेश नागर और संजीव नागर को 6 सालों के लिए बर्खास्त कर दिया था। इस मामले के बाद जिला स्तर पर समाजवादी पार्टी में खलबली मच गई हैं। इन दोनों नेताओं के बर्खास्त करने के बाद सपा के कई नेताओं और पदाधिकारियों ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान इन लोगों ने सपा प्रत्याशी राजकुमार भाटी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने सपा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का अपमान किया है। जिसके बाद मंगलवार को 9 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें अल्पसंख्यक सभा के जिलाध्यक्ष भी मौजूद है।

इन पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
गौतमबुद्ध नगर समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष नीतीश भाटी, समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव मोहित नागर, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के जिला उपाध्यक्ष सोनू चौधरी, ब्लॉक अध्यक्ष बिसरख विजय गुर्जर, जिला कार्यकारिणी सदस्य विक्रांत चौधरी, अल्पसंख्यक सभा के जिला अध्यक्ष अकबर खान, समाजवादी छात्र सभा के जिला महासचिव, समाजवादी मेन बॉडी में जिला सचिव वकील सिद्दकी और प्रबुद्ध सभा महासचिव अक्षय पंडित ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों ने लगाए ये आरोप
इन सभी सपा पदाधिकारियों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जिन सपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूरी इमानदारी और मेहनत के साथ पार्टी के लिए कार्य किया था। उन सभी को संगठन से निकाला जा रहा है। इनका आरोप है कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रतिनिष्ठ कार्यकर्ताओं और लोगों द्वारा चंदा इकट्ठा किया गया, लेकिन उसका नाम मात्र ही इस्तेमाल किया गया है। जिसकी वजह से पार्टी को दादरी विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा। उपदेश नागर और संजीव नागर ने अपने बूथ पर भारतीय जनता पार्टी से भी ज्यादा वोट राजकुमार भाटी को दिलवाई। उसके बावजूद भी इन दोनों को पार्टी ने 6 सालों के लिए बर्खास्त कर दिया है। इसलिए हम अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि अब समाजवादी पार्टी में अच्छे कार्यकर्ता और पदाधिकारी का सम्मान नहीं है।

उपदेश नागर और संजीव नागर पर लगे यह आरोप
आपको बता दें कि पार्टी में उपदेश नागर के पास वर्तमान में कोई पद नहीं था। जब वीरसिंह यादव जिलाध्यक्ष थे तो उनको विधानसभा प्रभारी बनाया गया था, लेकिन जिलाध्यक्ष बदलने के बाद उनको कोई पद नहीं दिया गया था। वर्तमान में उपदेश नागर सिर्फ सपा नेता थे। वहीं दूसरी ओर संजीव नागर के पास अन्य पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला महासचिव की जिम्मेदारी थी। दोनों को हाईकमान ने 6 वर्षों के लिए बर्खास्त कर दिया है। दोनों ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में रहने के आरोप लगे। जिसके कारण दोनों सपा नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।

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