Greater Noida : औद्योगिक शहर होने के चलते गौतमबुद्ध नगर में हजारों बड़ी-छोटी औद्योगिक इकाईयां हैं। इन औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले स्क्रैप को लेकर गैंगवार का लंबा इतिहास है। स्क्रैप और सरिया कारोबार को लेकर डबल और ट्रिपल मर्डर हुए हैं। जिले ने लंबे अरसे तक गैंगवार का सामना किया है। सूत्रों की मानें तो फिलहाल सरिया और स्क्रैप का कारोबार एक गुट धड़ल्ले से कर रहा है। यह गुट दबंगई और बदमाशी का प्रयोग करता है। जिस पर जनपद पुलिस मौन धारण करके बैठी है। यह चर्चाएं पूरे जिले में जोर शोर से चल रही हैं।
आखिर क्या है बहुचर्चित सरिया कारोबार
जनपद में निर्माणाधीन इकाईयों और बिल्डर साइट्स के लिए आने वाले ट्रकों को जनपद के एंट्री पॉइंट्स पर रोककर जबरन सरिया उतारा जाता है। ट्रक ड्राइवर्स को डराया और धमकाया जाता है। यह एक तरह की आपराधिक वसूली है। ट्रकों से सरिया उतरने के बाद यह गैंग अपने परिचित धर्म कांटो पर ट्रकों को ले जाता है। वहां से पूरे वजन का रसीद बनवाकर ट्रकों को दी जाती है। इतना ही नहीं ट्रकों को बाकायदा डिलीवरी साइट तक छुड़वाया जाता है। ट्रक ड्राइवर सरिया माफियाओं के खौफ के चलते और अपनी जान बचाने के लिए पुलिस से शिकायत करने से बचते हैं। ड्राइवर तो दूर बिल्डरों को भी यह सारा खेल मालूम है लेकिन विरोध की हिम्मत किसी में नहीं है।
ट्रक ड्राइवरों का अपहरण हो जाता है
पहचान छिपाए रखने की शर्त पर एक ट्रक ड्राइवर ने बताया, "अगर किसी ट्रक ड्राइवर ने पुलिस से शिकायत की अथवा किसी मीडियाकर्मी को इस संबंध में कोई जानकारी दी तो अन्य साथी ट्रक ड्राइवर्स उसके बारे में पूरी जानकारी माफिया तक पहुंचा देते हैं। अगली बार नोएडा में एंट्री की जानकारी माफियाओं को मिल जाती है। ड्राइवरों का अपहरण कर लिया जाता है। उनके साथ बुरी तरह मारपीट होती है।
क्या है स्क्रैप का कारोबार
जनपद की औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले स्क्रैप को औद्योगिक इकाईयों से सस्ते दामों में उठाकर मार्केट में महंगे दामों में बेचना ही स्क्रैप का कारोबार है। जनपद के स्क्रैप मार्केट पर एक ही पक्ष का कब्जा है। बाकी अन्य सभी को स्क्रैप माफिया की शरण लेनी पड़ रही है। जो व्यक्ति स्क्रैप माफिया गुट के अनुसार कार्य नहीं करता है, उसके खिलाफ दबंगई और बाहुबल का प्रयोग किया जाता है। बीते दिनों में ऐसा ही एक मामला थाना कासना पर दादरी निवासी आरिफ ने दर्ज कराया था। आरिफ ने भाजपा नेत्री के रिश्तेदार राजकुमार दादूपुर और अमन पर स्क्रैप भरा ट्रक लूटने व रंगदारी मांगने के आरोप लगाए थे। लगभग 5 माह का वक्त बीतने पर भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है। मजबूर होकर आरिफ को स्क्रैप माफियाओं के समक्ष सरेंडर होना पड़ा। पुलिस सूत्र बताते है कि राजकुमार, अमन और एक अन्य ने इस मामले में अग्रिम जमानत ले ली है।
कार्यवाही के नाम पर मौन पुलिस?
स्क्रैप और सरिया माफियाओं पर वर्ष 2018 के बाद से कोई कार्यवाही न होना उनका मनोबल को बढ़ा रहा है। वर्ष 2018 में सरिया चोरी प्रकरण में रवि दादूपुर को बिसरख पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। जनपद में कमिश्नरी प्रणाली लागू हुए 13 जनवरी 2023 को 3 वर्ष का समय पूरा हो जाएगा लेकिन आज भी माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि पीड़ित पुलिस शिकायत करने की बजाय माफियाओं के सामने सरेंडर होना पसंद करता है।