ग्रेटर नोएडा लीजबैक घोटाला : किसानों ने घोड़ी बछेड़ा गांव के शहीद स्थल पर की महापंचायत, आरपार की लड़ाई का ऐलान

Tricity Today | किसानों ने घोड़ी बछेड़ा गांव के शहीद स्थल पर की महापंचायत



ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में हुए लीजबैक घोटाले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Special Investigation Team) की रिपोर्ट के खिलाफ रविवार को घोड़ी बछेडा में शहीद स्मारक पर महापंचायत हुई। किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी केके गुप्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों ने कहा, एसआईटी को 2011 का शासनादेश नहीं दिया गया है। इस शासनादेश को छिपाकर पेश की गई रिपोर्ट पर आक्रोश व्यक्त किया है। 

किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने कहा, "प्राधिकरण ने वर्ष 2011 में शासन के उस आदेश को छुपाया है, जिस आदेश में साफ़ तौर पर कहा गया है, 'जिस हिस्से को आबादी माना गया है, उसे छोड़कर बाक़ी भूमि अधिग्रहण की एवज में पांच-छह-सात प्रतिशत प्लाट दिया जाएगा।' लेकिन वर्तमान अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्ण कुमार गुप्त और एसईटी ने इस शासनादेश को छुपाकर अपनी रिपोर्ट पेश की है। यह मंशा अपर मुख्य कार्यपालक कृष्ण कुमार गुप्त की किसानों के प्रति नफरत और पूंजीपतियों के प्रति प्रेम को दर्शाती है।"

संघर्ष समिति के प्रवक्ता कहा, "केके गुप्त के साथ पूरी एसआईटी कमेटी ने पक्षपाती तरीक़े से इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में 2011 के शासनादेश को छुपाया गया है। जिसमें किसानों को आबादी के साथ 6% का लाभ भी देने का साफ आदेश है। ऐसे अधिकारियों से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। किसान लामबंद हैं और लड़ने के लिए तैयार हैं। हर हाल में एसआईटी रिपोर्ट को वापस लेना होगा। किसान अब आराम से नहीं बैठेंगे। किसानों के साथ विश्वासघात हुआ है। एसआईटी रिपोर्ट को लेकर किसानों को सरकार और प्राधिकरण दोनों पर विश्वास था। अगर विश्वास न होता तो किसान इस जांच का इंतज़ार नहीं करते।"

मनवीर ने आगे कहा, "हमें प्राधिकरण और सरकार पर विश्वास था कि वह उन लोगों पर कार्रवाई करेगी, जिन्होंने बाहर से आकर ज़िले में ज़मीन ख़रीदी थी। यह नहीं पता था कि उन्हें सही ठहरा दिया जाएगा।" किसानों ने शहीद स्थल से संदेश दिया कि ऐसी पक्षपात की रिपोर्ट का हम बहिष्कार करते हैं। उसकी निंदा करते हैं, जिस रिपोर्ट में पूंजीपतियों का बचाव किया गया हो और मूल किसानों के अधिकारों पर डाका डाला गया हो। क्षेत्र के किसान इस सरकार और इन अधिकारियों पर विश्वास करके इस कमेटी की रिपोर्ट का इंतज़ार रहे थे। अगर पता होता की ये अधिकारी पूंजीपतियों के ग़ुलाम हो चुके हैं और यह सरकार किसान विरोधी हो चुकी है और किसानों के साथ इतना बड़ा धोखा करेगी, तो इसका विरोध पहले ही मज़बूती के साथ किया जाता।

मनवीर भाटी ने कहा, "आने वाली 28 तारीख़ को मज़बूती के साथ प्राधिकरण का घेराव करने का फैसला लिया गया है। जिसमें सभी किसानों के दस प्रतिशत प्लाट, आबादियों को वापस किसान के नाम करने, मूल गांव से दूर लगा गए प्लाट जैसे मुद्दे शामिल हैं। महापंचायत में सुबेदार रमेश रावल, अजब सिंह प्रधान, रवि प्रधान, रामी प्रधान, रामबीर प्रधान, आनंद भाटी, चौधरी भगवत, भीम सिंह, ओमवीर नेताजी,पवन शर्मा, प्रिंस त्यागी, लोकेश नागर और विकास नागर आदि लोग मौजूद रहे।

अन्य खबरें