खास खबर : नोएडा एयरपोर्ट और IGI के बीच अलग रहेगा एयर रूट, जानिए क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

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Greater Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन को आईजीआई दिल्ली एयरपोर्ट से स्वतंत्र रखा जाएगा। इसके एयर रूट को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि दोनों हवाई अड्डे अपने-अपने मार्गों के साथ स्वतंत्र रूप से काम करेंगे और आपसी निर्भरता नहीं होगी। यह निर्णय एनसीआर क्षेत्र में बढ़ती हवाई यातायात की मांग को देखते हुए लिया गया है, जिससे यात्रियों को सुविधाजनक और निर्बाध यात्रा अनुभव प्रदान किया जा सके।

पहले दिन से होंगे 30 उड़ानें
नोएडा एयरपोर्ट जिसे एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की तैयारी है, अप्रैल 2025 से व्यावसायिक उड़ानों के लिए तैयार हो जाएगा। पहले दिन में कुल 30 उड़ानें संचालित की जाएंगी। जिसमें 25 घरेलू, तीन अंतरराष्ट्रीय और दो कार्गो उड़ानें शामिल होंगी। घरेलू उड़ानों के रूट का निर्धारण नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा किया जा रहा है। जबकि अंतरराष्ट्रीय रूट इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के निर्देशों पर आधारित होंगे। एयरपोर्ट के आधिकारिक बयान के अनुसार ये रूट दिल्ली एयरपोर्ट से अलग बनाए जा रहे हैं, जिससे दोनों हवाई अड्डों पर यातायात निर्बाध रूप से संचालित हो सके।

श्नाइडर इलेक्ट्रिक संभालेगी बिजली प्रबंधन का कार्य
नोएडा एयरपोर्ट के विद्युत प्रबंधन की जिम्मेदारी श्नाइडर इलेक्ट्रिक को सौंपी गई है। श्नाइडर इलेक्ट्रिक एयरपोर्ट परियोजना के ऊर्जा प्रबंधन में सहयोग करेगी, जिसमें बिजली सेवाएं शामिल होंगी। यह साझेदारी सुनिश्चित करेगी कि एयरपोर्ट पर बिजली आपूर्ति सुचारू रहे और इसे पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

डिजिटल और निर्बाध यात्री अनुभव
नोएडा एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए एक अत्याधुनिक डिजिटल अनुभव प्रदान किया जाएगा। सेल्फ-बैग ड्रॉप्स, सेल्फ-बोर्डिंग और सभी द्वारों पर डिजीयात्रा सक्षम होंगे। जिससे बायोमेट्रिक आधारित तेज और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होगी। यात्रियों को टर्मिनल से विमान तक पहुंचने में समय की बचत होगी। जिससे उन्हें पहले दिन से ही उत्कृष्ट और निर्बाध यात्रा अनुभव प्राप्त होगा।

अप्रैल 2025 से उड़ान संचालन का लक्ष्य
नोएडा एयरपोर्ट पर 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक रनवे का ट्रायल शुरू होगा। कैलिब्रेशन ट्रायल के बाद रनवे ट्रायल की सफलता के बाद सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा कर एयरपोर्ट को 17 अप्रैल 2025 तक व्यावसायिक उड़ानों के लिए तैयार किया जाएगा।

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