Greater Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर पार्क विकसित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सेक्टर-10 और सेक्टर-28 में 225 एकड़ जमीन पर सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए तीन कंपनियों को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को यह जानकारी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने दी है।
कंपनियों को दी गई भूमि और मंजूरी
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के लिए सेक्टर-10 में कीन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड और वामा सुंदरी इंवेस्टमेंट (एचसीएल) को 50-50 एकड़ भूमि दी जाएगी। इसके अलावा, सेक्टर-28 में टार्क कंपनी को 125 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी। इन कंपनियों का अनुमोदन अब भारत सरकार को भेजा गया है, और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है।
बड़े पैमाने पर होगा निवेश और रोजगार का सृजन
डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने आगे बताया कि वामा सुंदरी इंवेस्टमेंट (एचसीएल) 50 एकड़ में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करेगी, जिसमें 13,780 लोगों को रोजगार मिलेगा। यह कंपनी प्रति माह 2.40 लाख चिप का उत्पादन करेगी, जिसके लिए 19 मेगावाट बिजली और 2,000 एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी। दूसरी ओर, कीन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड भी 50 एकड़ में अपनी यूनिट लगाएगी, जिसके लिए उन्हें 6 एमवीए बिजली की जरूरत होगी। टार्क कंपनी को 125 एकड़ भूमि दी जाएगी, और इन सभी कंपनियों को 40 से 80 हजार करोड़ रुपए तक का निवेश करना होगा।
सेमीकंडक्टर उत्पादन से होगा ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव
सेमीकंडक्टर, जो सिलिकॉन चिप्स के रूप में होती हैं, का उपयोग कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, और वाहनों में किया जाता है। इन चिप्स का उत्पादन बढ़ने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े स्तर पर बदलाव की उम्मीद है। रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण चिप्स की कमी के चलते देश में कार की वेटिंग बढ़ी है। सेमीकंडक्टर यूनिट्स के निर्माण से इन आवश्यक चिप्स की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे वाहन बाजार को भी राहत मिलेगी। ग्रेटर नोएडा का यह सेमीकंडक्टर पार्क देश की प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।