अच्छी खबर : मास्टर प्लान 2041 में जमीन अधिग्रहण के लिए यमुना प्राधिकरण ने शुरू किया सर्वे, किसानों में खुशी

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Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने और लीजबैक मामलों के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2041 के तहत किसानों की भूमि अधिग्रहण समस्याओं को हल करने के लिए गांवों में सर्वे प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस सर्वे के बाद गांवों की आबादी के बाहरी क्षेत्रों को चिन्हित कर सीमांकन किया जाएगा। जिससे केवल सीमांकन के बाहर की भूमि का अधिग्रहण हो सकेगा। प्रारंभिक चरण में 15 गांवों का सर्वे किया जा रहा है। इसके बाद किसानों से संवाद कर भूमि का सीमांकन और अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

किसानों की हर समस्या का होगा समाधान
वर्तमान में यमुना सिटी में लगभग 368 लीजबैक और 88 शिफ्टिंग के मामले लंबित हैं। वहीं, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लीजबैक के 2,288 और शिफ्टिंग के लगभग 250 मामलों का समाधान नहीं हुआ है। नोएडा में भी कई किसान इस समस्या का सामना कर रहे हैं। किसानों की शिकायत है कि भूमि अधिग्रहण के दौरान उनकी आबादी की जमीन भी अधिग्रहण में शामिल कर दी गई। जबकि नियमों के अनुसार आबादी क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। इस समस्या के कारण किसान तीनों प्राधिकरणों का बार-बार घेराव करते रहते हैं और यह भूमि विवाद प्राधिकरणों की बड़ी परियोजनाओं में भी रुकावट पैदा करता है। इस समस्या के समाधान के लिए प्राधिकरण ने गांवों की आबादी के बाहर भूमि अधिग्रहण की योजना बनाई है और इसके अंतर्गत 15 गांवों में सर्वे की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। 

तीन-सदस्यीय समिति का गठन
लीजबैक और शिफ्टिंग के जटिल मामलों के समाधान के लिए यीडा के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में एक तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में डीएम प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, लीजबैक और शिफ्टिंग के मामलों के लिए एसडीएम की अनुमति आवश्यक होती है। लेकिन कई बार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर में देरी होती है, जिससे इन मामलों का समाधान नहीं हो पाता।

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