Greater Noida News : जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने विधानसभा में लिफ्ट एक्ट लागू करने की मांग उठाई थी। अब जेवर विधायक की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने लिफ्ट एक्ट का मसौदा तैयार करवा लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग ने यह "यूपी लिफ्ट एंड एक्सीलेटर एक्ट" का प्रारूप तैयार किया है। इस नियम के मुताबिक अब उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में लिफ्ट लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी स्थान पर लिफ्ट नहीं लगेगी। इसके अलावा लिफ्ट या एक्सीलेटर हादसा होने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। इसके साथ में 3 महीने की सजा भी हो सकती है। यह मसौदा ऊर्जा विभाग ने तैयार किया है।
विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा
इन नियम में उत्तर प्रदेश की सभी लिफ्ट और एक्सीलेटर आएंगे। केवल घरेलू लिफ्ट को छोड़कर बाकी सभी स्थान पर लिफ्ट ऑपरेटर रखना अनिवार्य होगा। जबकि घरेलू लिफ्ट या एक्सीलेटर पर कानून का दायरा सीमित रहेगा। नियम के अनुसार उत्तर प्रदेश में किसी भी बहुमंजिला बिल्डिंग में लिफ्ट या एक्सीलेटर लगाने के लिए इजाजत लेनी होगी। विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। उसके बाद लिफ्ट लगाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा गठित की गई टीम मौके पर करेगी। ऑडिट के दौरान काफी शर्तें रखी जाएंगी, जिनको मानना अनिवार्य होगा।
ऑटो रेस्क्यू डिवाइस और थर्ड पार्टी बीमा जरूरी
नियम के मुताबिक अब जो लिफ्ट लगेगी, उनमें "ऑटो रेस्क्यू डिवाइस" लगा होगा। इसका मतलब होता है कि अगर बिजली या तकनीकी खराबी होने की की वजह से लिफ्ट रुक जाती है तो नजदीकी फ्लोर पर अपने आप आकर दरवाजा खुल जाएंगे। इसकी वजह से लोगों की जान नहीं जाएगी और किसी को जनहानि नहीं होगी। प्रारूप के मुताबिक थर्ड पार्टी का बीमा करवाना होगा। जिससे कोई हादसा होने पर पीड़ित को भी मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को बताए एक-एक नियम
जानकारी के मुताबिक लिफ्ट एक्ट के मसौदा मंगलवार को ऊर्जा मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने पेश किया। इस दौरान महेश कुमार गुप्ता ने दुर्गा शंकर मिश्र के सामने एक-एक नियम बताए। बताया जा रहा है कि अब इसको कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा विधान मंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान इसको पेश करने की तैयारी है। इस एक्ट के लागू होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट और सभी जिलों में होने वाली लिफ्ट की घटनाएं कम हो सकती हैं।